मंज़िल दूर औऱ सफर बहुत है,
छोटी सी ज़िन्दगी मैं फिकर बहुत है ,
मार डालती ये दुनियां कब की हमें,
लेकिन पापा के प्यार में असर बहुत है।
चाहे कितने अलार्म लगा लो,
सुबह उठने के लिए
एक पापा की आवाज़ बहुत है।
उस वक्त एक बाप की तमन्ना पूरी हो जाती है ,
जब बेटी ससुराल से मायके हस्ते हुए आती है,
ज़िन्दगी में दो लोगों का खयाल रखना ज़रूरी बहुत है।
पिता जिसने तुम्हारी जीत के लिये सब कुछ हारा हो
मां जिसको तुमने हर दुख में पुकारा हो।
मिलने को तो हजारों लोग मिल जाते हैं,
लेकिन हज़ारों गलतिया माफ करने वाले
मा पापा दोबारा नहीं मिलते।
मुफ्त में सिर्फ मा बाप का प्यार मिलता है,
इसके बाद दुनिया में हर रिश्ते के लिए
कुछ न कुछ चुकाना पड़ता है।
स्वर्ग मां के चरणों मे है
और पिता वास्तव में स्वर्ग का रक्षक है।