सीताराम
common.bookInlang
common.articlesInlang
तुम खुशबू हो तो मैं हवा हूँ तुम भावना हो तो मैं विश्वास हूँ तुम धड़कन हो तो मैं सांस हूँ ,तुम खुशबू हो तो मैं हवा हूँ तुम भावना हो तो मैं विश्वास हूँ तुम धड़कन हो तो मैं सांस हूँ
मैं बदल गया हूं
7 फरवरी 2022
0
0
दूर ना जाना , पास आना विचारों के सागर में संग ग़ोता लगाना मनमोहक सपने दिखाना सपनों में मंजिल को खोजते हुए रास्तों से इश्क हो जाना मंजिल के मिल ज
28 अक्टूबर 2020
0
0
जिन पैरो से सारा जहां नाप आते इस छत से उस छत पर कूद जाते सब साथ होते दादा दादी सुनाते परियों के जहां में वो हमको घुमाते संस्कार का बीज कहानी से
22 अक्टूबर 2020
0
0
करियर
20 अक्टूबर 2020
0
0
करियर
20 अक्टूबर 2020
0
0
है मनुष्य इतना घमंड ना कर प्रकृति का तू दमन ना कर यह जग सबका है पशु पक्षियो को खत्म ना कर यह जीव जंतु दुश्मन नहीं तेरे साथी है इनके बिना तू कुछ
19 अक्टूबर 2020
0
0
जिंदगी
16 अक्टूबर 2020
0
0
सुबह से शाम हो रही है न्याय के लिए आँखें रो रही है कभी निर्भया तो कभी हाथरस जैसी घटनाए हर रोज हो रही है लगता है आज कल धरती पर मानव तो है लेकिन म
15 अक्टूबर 2020
0
0
माँ है हिंदी
14 अक्टूबर 2020
0
0
माँ
13 अक्टूबर 2020
0
0