दूर ना जाना , पास आना विचारों के सागर में संग ग़ोता लगाना मनमोहक सपने दिखाना सपनों में मंजिल को खोजते हुए रास्तों से इश्क हो जाना मंजिल के मिल ज
28 अक्टूबर 2020
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दूर ना जाना , पास आना विचारों के सागर में संग ग़ोता लगाना मनमोहक सपने दिखाना सपनों में मंजिल को खोजते हुए रास्तों से इश्क हो जाना मंजिल के मिल जाने पर भी रास्तों से मोह न जाना यह कुछ वैसा ही है जैसे मृत्यु रुपी मंजिल तक जाना और पथ रूपी जिंदगी से लगन लग जाना।