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“गीतिका” पिया गए परदेश में छोड़ मुझे ससुराल

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“गीतिका”पिया गए परदेश में छोड़ मुझे ससुराल रब जाने किस हाल में होगे उनके भाल देखन में सुंदर लगें मुस्कायें दिल खोलमानों पिय बहुरूपिया नजर चित्त पयमाल॥ कलंगी अस सँवारते तिरछे नैना वाह फिर आएंगे जब पिया लाल करूँगी गाल॥रोज लिखूँ चित पातियाँ घायल विरहन गीत पायल पग लपटा गए

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