किरीट सवैया " वर्णिक छंद । मापनी -२११ २११ २११ २११ २११ २११ २११ २११ भगण×८ भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस“सवैया गीत”नाहक पीर बढ़ाय गई मुरली नहिं बोलति प्रेम पुकारतघायल की गति घायल जानत पायल बाजत झूमर नाचत। खूब गले मह माल विराजत मोहत हैं लखि बैरन राचतरी सखि मोहन मोह ग