गोरी नाम की एक लड़की थी। बहुत ही सुंदर थी देखने मे। उस पर हर रंग के कपड़े सूट करते थे। वो सपनो की दुनिया में रहने वाली लड़की थी। वो अपनी पढ़ाई कम्पलीट कर चुकी थी ।घर मे उसकी शादी की बाते चल रही थी।
गोरी अपनी सहेलियो से मिलती थी तो बस अपने ड्रीम।बॉय के बारे मे बात करती रहती थी। मेरा पति सुंदर, आकर्षक, ओर लंबा होगा। बहुत अमीर परिवार से।होगा अछी पोस्ट पर काम करने वाला होगा। इन बातों पर उसकी सहेलिया हँसने लागती थी।
गोरी एकदिन घर वापिस आरही थी अपने सहेलियो से।मिलकर, देखा घर के बाहर चप्पल जूतों का ढेर लगा हुआ।हैं। घर के अंदर घुसी ओर अनजान चेहरे देखकर घबरा गई। वो घर के अंदर शांति से आई और माँ से जाकर पुछा माँ ये सब कौनआया। उसकी माँ ने कहा तू तैयार होजा तुझे देखने आए हैं । गोरी खुश होगयी ओर आपने रूम में जाकर सबसे महँगा सूट पहन कर आजाती हैं। माँ से पूछती हैं मा मैं केसी लग रही हूँ।माँ बोली बहुत सुंदर बिटिया। अब उसकी माँ गोरी को बाहर लाती है। और कहती हैं ये हामारी गोरी हैं ये बहुत गुनी हैं। गोरी ने अपनी आंखें उठाकर विशाल के ओर देखती हैं ।विशाल उस लड़के का नाम जो।उसे देखने आया था। विशाल बहुत सुंदर लग रहा था।विशाल ओर गोरी की आंखें टकरा गई।गोरी शर्मा गयी।गोरी को विशाल बहुत पसंद आगया था।
गोरी के पिता जी विशाल के।पिता जी से बोलते हैं सितम्बर का महीना चल रहा हैं नवंबर मैं शादी तय करदेते हैं। दोनो की फैमिली राजी।होगये ओर डेट फिक्स करलेते हैं।अब गोरी बहुत परेशान दिख रही थी।
लहँगे ,मेकअप ओर ज्वैलरी को लेकर। अब वो दिन आही गया।जिस दिन गोरी विशाल एक होने वाले थे।
आज उनकी शादी का दिन था।विशालने मामूली 3000 की शेरवानी पहनी थी लेकिन वो बहुत सुंदर।दिख रहा।था। और हमारी गोरी ने पूरे 20000 का लहँगा। हमारी गोरी उसदिन किसी परी से कम नही लग रही थी।
शादी अच्छे से होजाती हैं।अब गोरी की।विदाई।का।समय आ चुका।था। गोरी बहुत खुश थी।गोरी जिस गाड़ी में बैठी थी।वो गाड़ी आकर एक छोटे से घर के सामने आकर रुक जाती हैं। गोरी गाड़ी से उतर जाती हैं।और विशाल से।कहती है क्या ये है तुम्हारा घर।विशाल कहता हैं, हा तुम्हारा नही हमारा घर हैं।गोरी उदास हो चुकी थी घर को देखकर क्योंकि वो एक बड़े घर की तम्मना कर रही थी।वो अपना मन मार कर घर के अंदर जाती है। जब गोरी खाना खाने बैठती है तो देखती है कि स्टील के बर्तन में सिंपल दाल चावल रखा हुआ था। गोरी के सपने बड़े घर मे रहने के थे,चांदी के बर्तन मैं शाही खाना खाने के थे। लेकिन अब गोरी परेशान होकर क्या कर सकती थी।गोरी अपना मन बांध ही रही थी कि उसे पता चलता है कि उसका पति एक छोटी सी कंपनी ममें क्लर्क है।अब तो गोरी के पैरों से मानो जमीन ही खिसक गई हो। गोरी बड़ी उदास दिखाई दे रही थी। बिचारी परेशान होकर क्या करती । उसने सपने की दुनिया से बाहर आने का प्रयत्न किया ।और सचाई के साथ जीने का फैसला किया क्योंकि गलती गोरी की थी विशाल के बारे।मे।उसने जानने का थोडा भी।प्रयास नही किया था। अब गोरी।टाइम के साथ विशाल ओर गोरी का रिश्ता मजबूत होता जारहा था। ओर उनका जीवन अछे से गुजर रहा था।
एक दिन विशाल को उसके कंपनी से एक पार्टी मैमें जाने का।इनविटेशन आता हैं। विशाल बहुत खुश होजाता है उन दोनो को थोड़ा क्वालिटी टाइम बिताने को मिलेगा। विशाल घर आकर फटाफट ये बात वो गोरी को बताता हैं। लेकिन गोरी बहुत ज्यादा उदास दिख रही थी। विशाल ने कहा गोरी तुम खुश नही हो तुम पार्टी ममें नही जाना चाहती तो कोई बात नही। गोरी ने कहा विशाल मै दुखी हूँ।क्योंकि मेरे पास कोई कपड़े ज्वेलरी नही हैं।विशाल ने कहा इतनी सी बात मुझपर थोड़ी सेविंग हैं मैं उनमे से तुम्हे कपड़े दिला दूंगा। गोरी खुश होगयी । ओर अगले दिन जाकर दोनो ने शॉपिंग करली। विशाल ने मामूली सा एक कुर्ता खरीदा। ओर गोरी ने पूरे 5000 की साड़ी। गोरी sadi खरीद कर बहुत खुश थी। लेकिन उदासी थोड़ी सी झलक रही थी क्योंकि मैचिंग की कोई ज्वेलरी।नही थी।उसपर।उसे अपनी एक फ्रेंड याद आती हैं। जिसके पास ज्वेलरी का ढेर है मतलब उसे ज्वेलेरी पहनने का शोक था । वो हमेशा से ट्रेंडिंग ज्वेलेरी।का।कलेक्शन रखती थी।
गोरी अगले दिन उसके घर जाती हैं जिसका नाम पूजा था। वो उससे मिलकर अपनी कहानी बताती हैं, की साड़ी है लेकिन मैचिंग की ज्वैलरी नही। पूजा कहती है कोई दिक्कत नही मैं अभी मैचिंग ज्वेलेरी देती हूं। पूजा गोरी को एक हीरे का नेकलेस देती हैं। गोरी की आंखें खुली के खुली रह गयी। वो नेकलेस लेकर घर आजाती हैं विशाल को दिखाती हैं।विशाल बोलता हैं कम से कम ये तो 40 लाख का तो होगा ही। गोरी बोलती हैं हा ओर क्या। अब वो दिन आ गया जब पार्टी में जाना था। गोरी विशाल दोनो बहुत ही सूंदर दिखाई दे रहे थे।गोरी तो किसी।परिओ के देश से आई।हो।ऐसी।लग रही थी। गोरी लाल साड़ी में ओरउस नेकलेस में ओर भी हसीं लग रही थी। पार्टी में हर एक इंसान ने गोरी की तारीफ के पूल बांध दिए। ।गोरी विशाल दोनो बहुत खुश थे । उन दोनो ने पार्टी बहुत इंजॉय करी। घर के तरफ़ बढ़ते कदम ही थे कि गोरी ने कहा इस नेकलेस ने लाज रखली। विशाल गोरी की तरफ देखकर बोला हा , लेकिन हार कहा हैं । गोरी अपने गले पर हाथ लगाती हैं और देखती हैं सच मे हार नहीहै। गोरी ओर विशाल परेशान होजाते हैं हर जगहहार ढूंढते हैं लेकिन हार नही मिलता हैं।गोरी सिर पर हाथ रख नीचे बैठ जाती हैं ओर बोलती हैं मैं कहा से लाकर दूंगी हार। विशाल बहूत शांत स्वभाव का था ।उसने गोरी को उठाया और कहा घर चलो कोई हल निकलते हैं।गोरी जैसे तैसे शांत हुई और उसे घर लेकर आया विशाल।विशाल ने अपनी सेविंग देखी वो 40 लाख तक नही थी वो।कुछ 50000 ही था। गोरी विशाल दोनो बहुत परेशान थे। विशाल ने लोन लेने का आईडिया दिया। गोरी भी सहमत थी।अगले दिन विशाल ने लोन लिया 40 लाख का लोन लिया ओर नया सैम नेकलेस बनवाया । ओर गोरी को।लेकर देदिया । गोरी ने थोड़ी देर भी नही की ओर अपनीफ़्रेंड् पूजा को जाकर दे आयी।लोन के पेमेंट करने के लिए विशाल ने अपना घर बेच दिया। और रेंट पर आकर रहने लगे। रहन सहन , खान पान सब बदल दिया। अब गोरी।कमज़ोर गंदी दिखाई देने लगी थी। उस।लोन को चुकता करने मे 10 साल लग गए। गोरी भी।जॉब।किया करती थी। एक दिन गोरी मार्किट जाती हैं वहा उसकी फ्रेंड पूजा मिलती हैं । पूजा गोरी को देख पहचान नही पाती । पूजा गोरी के पास आती हैं , ओर बोलती हैं तुमने ये क्या हाल बना लिया , गोरी रोरोकर सारी बात बताती हैं, हम तुम्हारा हार पहन कर पार्टी में गए थे लेकिन पार्टी में मुझसे हार खो गया और उस हार को खरीदने के लिए हमने लोन उठाया 40 लाख का उसको भरने जके लिए हमने घर बेच दिया।ओर रेंट पर आकर रहने लगे। पूजा ये सब सुनकर मुस्कुराई ओर बोली कि मेरे वाले हार की कीमत सिर्फ 40000 ही थी।गोरी ये सुनकर शोकड हो गयी और।बोली तुम क्या सच बोलरही हो।गोरी ये सब विशाल को बताती हैं।विशाल बहुत मायूस होगया ओर बोला ये हमारा नसीब हैं नसीब से बढ़कर कुछ नही।
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