जरा पीछे मुड़कर देखा इस साल में,
थोड़ी खुशिया हँस रही थी,
फिर रोना भी आया बाद में।
कुछ नए लोग मिले,
कुछ छूट गए,
किसी से रिश्ते जुड़े ,
किसी से टूट गए।
पर कितना कुछ देखा पिछले साल में,
लोकडॉन देखा, लोगो को खाने के लिए तड़पता देखा।
हमने कैसे सबकुछ बदलता देखा।
पर जो भी था सब ठीक था,
नेक्स्ट ईयर ओर बेहतर होगा,
शुक्ररिया उनका जिन्होंने हाथ पकड़े रखा,
क्योंकि आगे तो अभी और लंबा सफर होगा।