2 जून 2022
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मैं मोनिका गर्ग, फरीदाबाद, हरियाणा मेरा निवास स्थान है। लिखने का शौक बचपन से ही था। बहुत छोटी उम्र से ही लेखनी के सिपाही बनने की कोशिश की। हम उम्र बच्चे जहां गुड्डा गुडिया का खेल खेलते थे, मिट्टी के घरोंदें बनाते थे हम कलम के माध्यम से कागज पर उन घरोंदों के सुख दुःख उकेरते थे।महज बारह साल की उम्र में अपनी पहली कहानी "भिखमंगे" लिखी। फिर माँ सरस्वती के चरणों की उपासना करते करते कलम के सिपाही बनती चली गयी। आज हमारी बहुत सी कहानियाँ बहुत से मंचों पर सराही जाती हैं। एक मंच के लिए सहलेखन भी किया। Shabd.in, लेखिनी, प्रतिलिपि, स्टोरी मिरर, रश्मिरथी, शीरोज जैसे बहुत से मंच है जहाँ हमारा लेखन सतत् जारी है। हम ज्यादातर शार्ट स्टोरीज ही लिखते है।बाकि अभी तक चार उपन्यास भी लिखे चुके हैं। हमारी Shabd.in मंच के माध्यम से तीन किताबें पेपरबैक में प्रकाशित हो चुकी है। "मन की बातें", "रोचक व शिक्षाप्रद कहानियां" और "आखिर खता क्या थी मेरी" बहुत सी किताबें ई-बुक के रूप में भी Shabd.in पर उपलब्ध है। अब और क्या कहें बस इतना ही अपने विषय में कहेंगे। हमसे रचना तब होती है जब "भावनात्मक विचारों का ऐसा तूफान आता है कि जब तक उसे कागज पर ना उतार दें आत्मा को चैन नहीं मिलता।"D
एकदम सही बात है , आसान नहीं है पाठकों को अपनी पोस्ट तक लाना. ऐसा ही कुछ बेस्ट बुक सेलर का हाल भी है लोग अपना ईमेल आईडी के माध्यम से आने में भी आना कानी करते हैं, बड़ी मुश्किल से कोई नया अकाउंट डर डर के बनाता है, तब जाकर कोई पुस्तक खरीदता है उस पर भी खरीदने की प्रक्रिया उन्हें पेचीदी लगती है... अच्छे पुराने लेखक और पढ़ने वाले तो अकाउंट तक नहीं बना पाते खरीदना उन्हें झंझट लगता है, अब बचे कौन नयी पीढ़ी के बच्चे जो थोड़ा बहुत पढ़ते लिखते हैं ... कुल मिलाकर ' कठिन डगर है राह पनघट की. ... आपने विषय छेड़ा तो बहुत कुछ मन में आ रहा है लेकिन फिर कभी ..............फिलहाल अपनी पुस्तक विजेता चुनी जाय, यही शुभकामनाएं हैं
2 जून 2022