एककस्वीसदी सदी के इन दिनों में इस इस भूमण्ड़लीकरण की बाज़ारवादी व्यस्था के चलते मीडिया का ग्लोबल चेहरा एक नए मनुस्य की तलाश में है !
* क्या आप जानते है की यह मनुष्य कहा से प्रकट होगा ?
आज समूचा विश्व भूमांडलीकरण मीडिया द्वारा कई भौतिक यथार्थ वादी ,अलगाववादी खेमो में बट गया है ! आज विश्व में दो तरह की सभय्ताओ के दर्शन होते है !
जिसमे एक तरफ पश्चिमी मीडिया तथा पाश्चात्य शैली का जीवन -दर्शन तथा भौतिक सुख - सुविधाओ से सम्पन्न आदमी का चेहरा है !
दूसरी और समूचे विश्व की गरीबी, भुखमरी ,बेरोजगारी, बाद, भूकम्प, भ्रस्टाचार, भय आतंक, आदि की वो दुनिया है ,जो पश्चिमी विद्वानो एवं चिंतको के अनुसार आज विश्व की तीसरी व् चौथी दुनिया को प्रस्तुत करती है !
*इस दुनिया का चेहरा प्रसारण और संचार के किस फ्रेम में जेड जायेंगे ?
मीडिया की एक सीमा रेखा है ,जो मीडिया की परिबषा को आज के आदमी के अंग -संग होती हुए उसे दुनिया के दो भागो में बटती अलग - अलग सभय्ता गाँवो में दिखाई देती है!