रेकी शक्ति बढ़ाने के
तरीके/Ways to Increase Reiki Power
पेड़ पौधों जानवरों को
रेकी दें।
पेड़ पौधों जानवर प्रकृति
का हिस्सा है। उनमें भी इंसान की तरह ही प्राण ऊर्जा बहती रहती है। यह सभी एक प्राकृतिक
देन के अंतर्गत आते हैं। जिस तरह से हमारे
पास भी ऊर्जा लेने की शक्ति होती है फिर भी हमें दीक्षा लेने की जरूरत पड़ती है।
हमें भी ऊर्जा की भी जरूरत पड़ती है। बिल्कुल उसी तरह पेड़ पौधों को, पशु पक्षियों को भी ऊर्जा
की जरूरत पड़ती है। आसपास के वातावरण से, लोगों से, और अन्य कारणों से वह भी नकारात्मकता के शिकार हो जाते हैं, तो ऐसे में उन्हें रेकी
ऊर्जा की जरूरत पड़ती है। किसी को भी रेकी ऊर्जा शक्ति देने से आपकी ऊर्जा शक्ति
में भी बढ़ोतरी, अच्छे कर्मों में वृद्धि, आदि आशीर्वाद आपको मिलते
हैं। और हमारा फर्ज बनता है कि हमने ब्रह्मांड से जो कुछ भी लिया है वह हम बाकी
सभी को भी दें।
15. 24 पॉइंट अफर्मेशन के साथ/With 24 point affirmation
24 पॉइंट पर हम हीलिंग लेते हैं। वैसे तो 3 -3 मिनट रेकी ऊर्जा लेना
काफी होता है,लेकिन हम हर पॉइंट पर
अफरमेशन देते हैं तो इससे हमारे सबकॉन्शियस माइंड की शक्ति भी जागृत होती है। हम
बोर भी नहीं होते हैं। और हमारे अंदर विजुलाइजेशन की शक्ति भी बढ़ती है ।
वीडियो यूट्यूब पर है।हर
पॉइंट पर अफर्मेशन के साथ दिया है।
16.निश्चित जगह/Fixed place
कई लोगों का यह प्रश्न
रहता है कि क्या हमें रेकी हीलिंग करने के लिए किसी निश्चित स्थान पर ही बैठना
चाहिए अर्थात एक ही जगह पर बैठकर हमें हीलिंग करनी चाहिए।
जिस तरह से जगह के नाम से
उसकी ऊर्जा का पता चलता है उसकी पहचान बनती है, उदाहरण के लिए रसोई घर - मतलब वहां खाना बनता है। जिस तरह
की ऊर्जा वहां पर है अर्थात रसोई में
क्रिएशन की ऊर्जा है तो इसलिए अगर उसका अलग से जगह बना होता है तो आपकी जो हीलिंग
शक्ति है वह बढ़ती है क्योंकि वहां की उर्जा ही उस तरह की हो जाती है। लेकिन ऐसा
कोई जरूरी नहीं है कि आप एक निश्चित जगह पर ही बैठे क्योंकि जरूरी नहीं है कि सबके
घर में इतनी जगह हो और साथ में इससे एक बंधन बन जाता है। आप भले ही अपने घर पर एक
निश्चित जगह बनाएँ पर अपने दिमाग में यह ब्लॉक नहीं डाले कि वहां बैठने से ही
होगा। आपको उस चीज का सपोर्ट मिलेगा और
जैसे मंदिर बनाया जाता है कई घरों में मंदिर होता है पूजा करते हैं लोग लेकिन सबके
घरों में मंदिर नहीं होता है। बड़े-बड़े मंदिर नहीं होते आप कहीं पर भी बैठ कर
मंत्र जाप करते हैं, भगवान का पाठ करते हैं तो
वहां पर भी वैसा ही फायदा होता है। तो ऐसा ही रेकी ऊर्जा भी काम करती है। कोई
जरूरी नहीं बनाना पर बनाने से दो-तीन परसेंट का फर्क पड़ता है, क्योंकि वहां की ऊर्जा उस
चीज में ढल जाती है। जहां जो कार्य होता है वहां की ऊर्जा उस हिसाब ढल जाती है।