. Chakra/चक्र
मानव शरीर में ७ चक्र
होते हैं इन सात चक्रों पर पूरे शरीर का स्वास्थ्य निर्भर करता हैं
वैसे ये चक्र हमारे भौतिक शरीर में नहीं होते। रीड की हड्डी में चार चक्र होते हें और ऊपर तीन चक्र होते
हैं । इन चक्रों में यदि ऊर्जा पूरी न हो तो अलग अलग बीमारियाँ हो जाती
है । हर चक्र के बारे में निचे चार्ट से
आप को पूरी जानकारी मिलेगी ।
चक्र को संतुलन में लाने
के लिए इसप्रकार रेकी दे
1. एक हाथ CROWN चक्र पर दूसरा हाथ ROOT चक्र पर ३ मिनिट रेकी दे।
2. एक हाथ THIRD EYE chakra दूसरा Hara तीन मिनिट रेकी दे ।
3. एक हाथ THROAT CHAKRA और दूसरा हाथ Hara पे ३ मिनिट रेकी दे ।
4. दोनों हाथ हार्ट चक्र पर ३
मिनिट रेकी दे।
पहला मूलाधार चक्र
Root Chakra
यह आधार चक्र है। जीवन के
आधार। जीवन के मूलभूत जरूरतों के लिए जो भी होता है वह सब यहां से जुड़ा होता है।
जीवन को जीने के लिए धन की जरूरत पडती है - रोटी, कपड़ा, मकान मूलभूत जरूरतें है।
इनके बिना जीवन का आधार नहीं है। किसी बच्चे का बेस कच्चा रह जाता है
तो वह जीवित नहीं रह पाता। लेकिन जब उसको समझ में आता है तो वह अपना बेस पक्का कर
लेता है। नींव मजबूत होना बहुत जरूरी है।
मकान धन संबंधी कोई
समस्या है तो वह रूट चक्र से संबंधित है। धन होते हुए भी उसे सही तरीके से प्रयोग
नहीं कर पाना, एकत्रित नहीं कर पाना, धन के आते ही उससे पहले
ही खर्च हो जाना, इस तरीके से धन संबंधित
जो भी समस्या है वह मूलाधार अथवा रूट चक्र से संबंधित है।
मानसिक समस्याएं - गरीबी
का आभास होना। जीवन के मूलभूत आधार में कमी हो रहा है। किसी भी चीज की कमी का
एहसास होना मूलाधार से संबंधित है।
जैसे चिंता करना, डर, भविष्य की चिंता, जिनके बच्चे नहीं होते
हैं वह भी सुरक्षित नहीं होते हैं। बुढ़ापे में उनका क्या होगा। जिनके बच्चे नहीं
होते हैं वह भी बहुत चिंता करते हैं ।भविष्य की चिंता करते हैं, भविष्य का डर करते हैं।
किसी भी तरह का डर, मानसिकता यह सब मूलाधार
से संबंधित है ।
सामाजिक समस्याएं -धन
शारीरिक समस्याएं -
हड्डियों की समस्या, ग्राउंडिंग की समस्या, पैरों में समस्या ।
दूसरा
Sacral Chakra
यह भावनाएँओं से जुड़ा, इनर चाइल्ड का स्थान है।
मानसिक बीमारियां -भावनाएँत्मक
बीमारियां, मूड बदलना, सेक्स संबंधित दिक्कतें।
सामाजिक समस्याएं- रिश्तो
का खराब होना, सृजनात्मक क्षमता की कमी
होना।
शारीरिक समस्याएं -
गर्भधारण करने में समस्या,
कमर दर्द, ओवरीज में दिक्कत, पेट की समस्या।
तीसरा चक्र
Solar Plax
इसको हम स्टोर रूम भी
कहते हैं और पावर हाउस भी कहते हैं। पावर हाउस इसलिए कहते हैं क्योंकि सभी चक्रों
में यहां से थोड़ी थोड़ी ऊर्जा जाती है। स्टोर रूम इसलिए क्योंकि यहां पर पास
पेनफुल में मेमोरीज़ रहती हैं। अगर यह हील होती है तो पास्ट की भूतकाल की यादें आपको
सताती नहीं हैं।
पुरानी मेमोरीज आपको
परेशान नहीं करती हैं।
मानसिक समस्याएं - गुस्सा, चिड़चिड़ापन, पुरानी बातों का याद आना,दुखी रहना।
सामाजिक - जीवन का लक्ष्य
लाइफ परपस का ज्ञान ना होना। शारीरिक समस्याएं - लिवर, रिलेटेड और मधुमेह
संबंधित।
चौथा
Heart Chakra
ऊपर के तीन आध्यात्मिक
चक्र और नीचे के 3 सामाजिक चक्र का मिलन
केंद्र है। ह्रदय चक्र दोनों ऊपर और नीचे की ऊर्जाओं को संतुलित करता है और ब्रह्मांड से जोड़ता है।
मानसिक समस्याएं - नफ़रत, गुसा,ईर्ष्या द्वेष, आलस आत्महत्या की फिलिंग,आत्मविश्वास की कमी,डर,भयभीत होना ।
सामाजिक समस्याएं -
रिश्ता ख़राब होना,किसी के प्रति दया भाव की
कमी होना या न होना,समाज से ख़राब सम्बन्ध
होना।
शारीरिक समस्याएं - हार्ट
प्रॉब्लम, बीपी लंग्स की समस्या
सर्कुलेटरी सिस्टम में समस्या होना।
पांचवा
Throat
थ्रोट चक्र भावनाएँओं को
व्यक्त करने से संबंधित है। अगर आप अपने भावनाएँओं को व्यक्त नहीं कर पाते हैं तो
आपका यह चक्र असंतुलित है।
मानसिक समस्याएं - सही
समय पर सही से ना बोल पाना ।भाषा पर पकड़ ना होना। बोलने की क्षमता ना होना ।बोलने
में संकोच होना ।
सामाजिक समस्याएं - समाज
में किसी से भी बोलचाल ना होना।
शारीरिक समस्याएं -
थायराइड की समस्या,कफ की समस्या बोलने में
हकलाना।
छटा
Third Eye Chakra
इसे गुरु चक्र भी बोलते हैं ।इसे हमारी आत्मा का घर कहा जाता है।
मानसिक समस्याएं - खुद पर
विश्वास ना होना ।नकारात्मकता दिखना - हर चीज में, हर बात में नकारात्मकता दिखना। शक्ति कम होना।
जागरूकता की कमी होना। आई क्यू लेवल कम होना। किसी भी काम को करने से पहले
नकारात्मकता की वजह से उसे टाल देना.
सामाजिक समस्याएं - समाज
के प्रति नकारात्मक सोच। समाज में अपने को ना समझना।
शारीरिक - सिर दर्द रहना, आंखों में समस्या रहना, माइग्रेन रहना, आलस रहना।
सातवा
Crown Chakra
चक्र
यह हमें ब्रह्मांड के साथ
जोड़ता है। ब्रह्मांड और सहस्त्रार चक्र
के बीच में एक कोर्ड होता
है। कैसा? बिल्कुल पाइप जैसा होता
है। जिससे हमें ऊर्जा मिलती रहती है और यह हमें दिखाई नहीं देता है।
मानसिक समस्याएं - भगवान
में विश्वास ना होना या फिर डर होना, भगवान का डर होना।
सामाजिक समस्याएं -
आध्यात्म में विश्वास ना होना ,जीवन सिर्फ जन्म से मरण तक का ही दिखता है।
शारीरिक समस्याएं - बालों
की समस्या होना,सिर में दर्द होना।