परिचय
1.Introduction
रेकी को किसी भी रूप में
देख सकते हें । इसे भगवान के प्यार के रूप में भी देख सकते हैं । जिस प्रकार हम
अपने बच्चो को खाना देते हैं और घर में और भी सामान खाने का रखते हैं कि कभी भी
उन्हें जरूरत हो तो वो ले सके उसी प्रकार हम में भगवान ने प्राण ऊर्जा डाली है और
में भी ब्रह्माण्ड हैं जब बच्चे छोटे होते हैं तो हम ही ध्यान रखते हैं कब चाहिये। लेकिन बड़े होने के बाद वो खुद ही ले
लेते हैं । इसी तरह ब्रह्माण्ड में हमारे लिए प्राण ऊर्जा हैं हमे खुद ही लेनी हैं
।
विज्ञान के नजरिये से
देखें तो जिस चीज की कमी हैं वो पूरी करने से बीमारी सही हो जाती हैं । शरीर में
प्राण ऊर्जा की कमी के कारण कोई भी बीमारी होती हैं, तो ब्रह्माण्ड में भी ऊर्जा हैं वहां से ले लो और ऊर्जा पूरी कर दो तो बीमारी
खत्म।
अन्धविश्वास के रूप में
भी कई लोग देखते हैं । ज्ञान की कमी होने
की वजह से लोग इसे नहीं समझ पाते और
अंधविश्वास में फंस जाते हें । आप ने कई लोगो को देखा होगा की उन्हें किसी एक पर
विश्वास होता हैं और उनसे अपने काम करवाते हें और अंत में कहते हें की इन्हें तो
शक्ति मिली हुई है । वो शक्ति दूर से भेजी गयी ऊर्जा हैं अब वो किस तरह से ऊर्जा भेजते हैं , ये उन पर हैं मैं रेकी में विश्वास करती हूँ ।तो वो शक्ति
तो आप भी ले सकते हैं सिर्फ हाथ बढ़ाने की
जरूरत हैं।
किसी भी रूप में समझो
रेकी वरदान हैं और कम से कम एक स्तर तो सब
को करना ही चाहिये ।
Reiki ______Re+ki.
Rei means universal
Ki means life force enery
रेकी ______ रे + की का अर्थ है सार्वभौमिक
Ki की ---- का अर्थ है जीवन शक्ति ऊर्जा
इसका मतलब ब्रह्माण्ड मे
उपलब्ध प्राण ऊर्जा ।
रेकी में हम ब्रह्माण्ड
से प्राण ऊर्जा लेते हैं ।
आप सब ने रोग प्रतिरोधक
शक्ति के बारे में सुना होगा जो सब में होती हैं । जब हम सोते हैं तो वह
हमें मिलती हैं तभी आप अपनी किसी भी छोटी बीमारी के लिए लापरवा हो जाये तो वो कुछ
समय बाद सही हो जाती हैं,तो वो रोग प्रतिरोधक
शक्ति होती हैं किसी में अधिक किसी में कम
होती हैं । वह भी हमे ब्रह्माण्ड से मिलती
हैं । उसी शक्ति को रेकी करने वाला
अधिक शक्ति से लेता हैं तब अपना और दूसरों का इलाज करता हैं । रेकी को समझने के और भी तरीके हैं सब अपनी अपनी भाषा में समझते हैं । लेकिन अंत में
रेकी ब्रह्माण्ड में से ऊर्जा ले के बीमारी
का इलाज करना सीखाती हैं ।