AURA/आभमंडल
ये एक ऊर्जा हैं जो हमारे चारो और फेली होती हैं ।
हमारा शरीर जो दिखता
हैं सिर्फ उतना नहीं हैं उसकी छ: परते और भी हैं जिसे औरा कहते हैं । जब हम किसी अच्छे औरा वाले इन्सान के औरा के
अंदर होते हैं तो हमे अच्छा लगता हैं ।
इसका रंग भावनाएँओ के साथ बदलता हैं । हर
इन्सान का औरा अलग होता हैं नकारात्मक सोच
वाले इन्सान का औरा कम फैला होता हैं ।कोई भी रोग पहले औरा में आता हैं फिर भौतिक शरीर में आता हैं । आजकल औरा फोटोग्राफी से ये भी पता लगाया जाने
लगा हैं की कौन सा रोग भविष्य में हमे होगा ।
1. Physical body स्थूल शरीर -----हमारा
शरीर जिसमे कान सर पैर हैं वो शरीर हमारा
स्थूल शरीर हैं जिसे देखा जा सकता
हैं ।
2 Health Aura प्राण शरीर ----- ये स्थूल शरीर के पीछे होता
है । सामान्य व्यक्ति का ये शरीर ३ -८ इंच तक फैला होता हैं ।ये इन्सान का कवच
होता हैं ।जब शरीर में बीमारी आती हैं तब ये समझना चाहिये की ये शरीर असंतुलित हो गया है ।
3. Astral Body सूक्ष्म शरीर ----- ये
तीसरा शरीर होता हैं । ये समान्य व्यक्ति
का ३.५ फुट में होता है । रेकी से या किसी
और साधना से इसे तीन फुट से तीन मील तक किया जाता है । ऋषि मुनि जैसे गौतम बुद्ध
का ये शरीर इतना प्रभावशाली होता हैं कि जो इसके औरा की लिमिट में आता है वो शांत
और बुरी प्रवृति को त्याग देता हैं क्योंकि उसमे पॉजिटिव ऊर्जा मिलती हैं ।
4. Mental Body कारण शरीर -----इस शरीर
में विचार रहते हैं । विचार दो प्रकार के होते हैं - सकारात्मक और नकारात्मक । जब किसी दूर स्थित व्यक्ति के विचार मिल जाते हैं तो हमारा कारण शरीर उसके कारण शरीर में मिल
जाता हैं । ८ से १० फुट तक ये शरीर फैला होता हैं । इसमें कुण्डलिनी शक्ति भी होती हैं ।
5. Emotional body
महाकारण शरीर----- इसमें
मनोभाव विचार होते हैं जैसे डर,भय गुस्सा,प्यार,मोह इत्यादि ।ये १५-१६ फीट तक होता हैं ।
6. catheral body
विराट शरीर -----इसके
द्वारा हम सभी एक दूसरे से जुड़े होते है ।भले हम एक दूसरे को न जानते हो लेकिन
विश्व में एक दूसरे से ये शरीर जुडा हैं ।
7. Celestial
Body चेत्नये शरीर -----ये शरीर पूरा प्रकाशमय एक आभा हैं बिंदु जिसे आत्मा कहते
हैं ।