आज का प्रेरक प्रसङ्ग
!! चिल्लाओं मत !!
एक हिन्दू सन्यासी अपने शिष्यों के साथ गंगा नदी के तट पर नहाने पहुंचा. वहां एक ही परिवार के कुछ लोग अचानक आपस में बात करते-करते एक दूसरे पर क्रोधित हो उठे और जोर-जोर से चिल्लाने लगे. संयासी यह देख तुरंत पलटा और अपने शिष्यों से पुछा; ”क्रोध में लोग एक दूसरे पर चिल्लाते क्यों हैं ?’ शिष्य कुछ देर सोचते रहे ,एक ने उत्तर दिया, ” क्योंकि हम क्रोध में शांति खो देते हैं।
”पर जब दूसरा व्यक्ति हमारे सामने ही खड़ा है तो भला उस पर चिल्लाने की क्या ज़रुरत है, जो कहना है वो आप धीमी आवाज़ में भी तो कह सकते हैं", सन्यासी ने पुनः प्रश्न किया. कुछ और शिष्यों ने भी उत्तर देने का प्रयास किया पर बाकी लोग संतुष्ट नहीं हुए। अंततः सन्यासी ने समझाया.. “जब दो लोग आपस में नाराज होते हैं तो उनके दिल एक दूसरे से बहुत दूर हो जाते हैं।
और इस अवस्था में वे एक दूसरे को बिना चिल्लाये नहीं सुन सकते….वे जितना अधिक क्रोधित होंगे उनके बीच की दूरी उतनी ही अधिक हो जाएगी और उन्हें उतनी ही तेजी से चिल्लाना पड़ेगा. क्या होता है जब दो लोग प्रेम में होते हैं ? तब वे चिल्लाते नहीं बल्कि धीरे-धीरे बात करते हैं , क्योंकि उनके दिल करीब होते हैं , उनके बीच की दूरी नाम मात्र की रह जाती है. सन्यासी ने बोलना जारी रखा,” और जब वे एक दूसरे को हद से भी अधिक चाहने लगते हैं तो क्या होता है ? तब वे बोलते भी नहीं , वे सिर्फ एक दूसरे की तरफ देखते हैं और सामने वाले की बात समझ जाते हैं.”
शिक्षा:-
“प्रिय शिष्यों ; जब तुम किसी से बात करो तो ये ध्यान रखो की तुम्हारे ह्रदय आपस में दूर न होने पाएं, तुम ऐसे शब्द मत बोलो जिससे तुम्हारे बीच की दूरी बढे नहीं तो एक समय ऐसा आएगा कि ये दूरी इतनी अधिक बढ़ जाएगी कि तुम्हे लौटने का रास्ता भी नहीं मिलेगा. इसलिए चर्चा करो, बात करो लेकिन चिल्लाओ मत।" यही इस कहानी की सीख हैं।
Today's motivational event
!! Do not shout !!
A Hindu monk reached the bath with his disciples on the banks of the river Ganges. There, some people of the same family suddenly became angry at each other while talking among themselves and shouted loudly. The Saints see this and immediately turn around and ask their disciples; "Why do people shout at each other in anger?" The disciple kept thinking for a while, one replied, "Because we lose peace in anger.
"But when the other person is standing in front of us, what is the need to shout at him, what you have to say, you can say it even in a slow voice", the monk asked again. Some other disciples also tried to answer. But the rest were not satisfied. Finally the monk explained .. "When two people are angry with each other, their hearts become very distant from each other.
And in this state they cannot hear each other without shouting… .The more angry they become, the greater the distance between them and the faster they will have to shout. What happens when two people are in love? Then they do not shout but speak slowly, because their hearts are close, the distance between them is small. The monk continued to speak, "And what happens when they start wanting each other too much?" Then they do not even speak, they just look at each other and understand what is in front. "
Education:-
"Dear disciples; When you talk to someone, make sure that your heart is not able to get away from each other, you do not speak such words that if you do not increase the distance between you, then there will come a time that this distance will increase so much that you will also have a way to return. not available. So discuss, talk but don't shout. "That's the lesson of this story.