🌿🎶🙏जय माँ वीणा वादिनी 🙏 आपकी सेवा में प्रस्तुत है -एक नयी आतुकांत रचना- 🍁" *किसी* "🍁आज सुबह "किसी" ने भाव जगा दिए,मैं समझ नहीं पाया उस किरण को,कैसे आई- फिर ''किसी'' बन गई,ये "किसी" शायद एक स्थान है,कोई पदवी है ,उच्च वरीयता प्राप्त कोई ओहदा है,जो हर आदमी इससे बंधा हुआ है,एक संगीत सा बजता