18 फरवरी 2022
"सोचो कभी तो" देशसेवा है नहीं काम केवल फौजियों का खाया है हमने भी अन्न इसी धरती का पार सीमा के अगर न लड़ पाए शत्रु से उखाड़ तो सकते हैं पाँव अन्दर के अरि के देश की खातिर नहीं बहाया खून तुमने देश ह