23 जुलाई 2017
शहर की भीड़ भाड़ से निकल कर सुनसान गलियों से गुजर कर एक चमकता सा भवन जहाँ से गुजरते है, अनगिनत शहर | एक प्लेटफार्म है , जो हमेशा ही चलता रहता है फिर भी वहीं है कितने वर्षो से | न जाने कितनो की मंजिल है य