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माँ का साया

hindi articles, stories and books related to Maa ka saya


कवि:- शिवदत्त श्रोत्रियआज बैठकर सोचा मैनेक्या खोया क्या पाया हैएक चीज़ जो साथ रहीवो तो बस माँ का साया है||आज मुझे हा याद नहीअपने बचपन की बातेमाँ ने क्या-२ कष्ट झेलेतब मिली मुझे ये काया है||संसार मे जब मैने जन्म लियाना जाने कितना रोया थापर सारी दुनिया को भूलमाँ के आचल मे निडर हो सोया था||मुझे ठीक से

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