2 अगस्त 2021
मरहठा छंद "कृष्ण लीलामृत"धरती जब व्याकुल, हरि भी आकुल, हो कर लें अवतार।कर कृपा भक्त पर, दुख जग के हर, दूर करें भू भार।।द्वापर युग में जब, घोर असुर सब, देन लगे संताप।हरि भक्त सेवकी, मात देवकी, सुत बन प्रगटे आप।।यमुना जल तारन, कालिय कारन,