कैसे मुकर जाओगे+++ *** +++यंहा के तो तुम बादशाह हो बड़े शान से गुजर जाओगे ।ये तो बताओ खुदा कि अदालत में कैसे मुकर जाओगे !! चार दिन की जिंदगानी है मन माफिक गुजार लो प्यारे।आयेगा वक्त ऐसा भी खुद की ही न
वो हमारे सर काटते रहेहम उन्हें बस डांटते रहे !!वो पत्थरो से मारते रहेहम उन्हें रेवड़ी बाटते रहे !!लालो की जान जाती रहीहम खुद को ही ठाटते रहे !!माँ बहने बिलखती रहीनेता जी गांठे साँठते रहे !!जान हमारी निकलती रहीहम धैर्य को अपने डाटते रहे !! राजनीति का खेल