ऐ ! नव वर्षतेरा स्वागत और वन्दन होबीती ताहि बिसारि केअब तेरा अभिनन्दन हो।सभी व्यस्त होंसभी मस्त होंइस जीवन की भागदौड़ मेंन किसी को कोई कष्ट हों।न किसी को कोई रोग होन किसी का कोई वियोग होआने वाले नए साल
शीर्षक --नववर्ष जिंदगी की उड़ान के संग,नई उम्मीदों के दामन थामे,जिंदगी की एक नई,शुरुआत के संग,नये साल के पहले दिन,को हर पल सजा लेना है।एक नई उम्मीद के संग,कभी हार कर,कभी जीत कर,जिंदगी को यूँ ही,जी
किसी की हार हुई.... कोई बाजी जीत गया.. इतनी उलझनों से ..उलझा हुआ साल बीत गया..!!नववर्ष की बेला में अब नए निश्चय करेंगे..ख्वाब जो भी हो अब पूरा अवश्य ही करेंगे..छोड़ो दामन उसका जो भी रीत थी बीत गय
ऐ जाते हुए साल!छोड़ गया तू कई सवाल,मत भुलाना तुम मुझे यादों में,मैं भी याद रखूंगा तुझे ख्वाबों में।मेरी हर खुशी हर ग़म का,पहरेदार रहा है तू ,तेरे हर पल में,बसी है मेरी खुशबू।बहुत कुछ खोया तो,बहुत कुछ पा
सुमन सुशोभित गुलशन हो मन जन,सदा सुखी रहें तेरा हर काल।हम दुआएं करते रब और कुदरत से।मुबारक हो तुम्हें नया साल,संकट तेरे जीवन में दूर रहें।दुर्गुण तेरे जीवन से परे रहे।मानवता के बीज अंकुरित हो।रिश्ते गह
वक़्त कितनी जल्दी गुजरता है ना! पता ही नहीं चलता। जिस रफ्तार से हम किसी किताब के पन्ने पलटते हैं, उसी रफ्तार से साल बदलते जा रहे हैं । जिन्दगी मानो वहीं ठहर गई हो । कुछ नया नहीं दिखता। हर नए साल के दिन
नया दिन है नया साल है उगता सूरज आज नया है । कल जो कली थी वो फुल नया है । शाख पे पत्ती जो देखी नया है । कल का जो सवेरा था आज नया है । चेहरे पर पड़ी किरणे आज नया है। क्या मनुष
पूरा विश्व नव वर्ष का स्वागत बहुत उत्साह व उल्लास के साथ नई उम्मीदों व नई आशाओं के साथ कर रहा है। पर्यटन स्थलों, होटलो ,पहाड़ों में चमक धमक के साथ घनी कोहरे की चादरों के बीच नववर्ष मनाया जा रहा है। पर
नए साल के स्वागत में नई खुशी नई उमंगे लाएंगे हो नया सवेरा जीवन में निराशा के अंधेरों को मिलकर दूर भगाएंगे नए ख्वाब नए अरमान ले नूतन स्वप्न सजाएंगे भूल पुरानी बातों को नव उत्सव उत्साह मनाएंगे जिंदगी
नव वर्ष का शुभागमन,सुख समृद्धि हो अपार।उत्तम स्वास्थ्य की कामना,हर्षोल्लास छाए चहुंओर।।लिए नया वह स्वरूप हो,साथ सादगी और संयम हो।नव वर्ष हो सबका मंगलमय,साथ शांति और सौहार्द्र हो।।होंगी क्या फिर चुनौति