5 मार्च 2022
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥ "मार्कंडेय ऋषि द्वारा रचित और ऋग्वेद में वर्णित इस मंत्र के जाप से समस्त रोगों, भय और पीड़ा