ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
"मार्कंडेय ऋषि द्वारा रचित और ऋग्वेद में वर्णित इस मंत्र के जाप से समस्त रोगों, भय और पीड़ा से मुक्ति मिलती है। देवों के देव महादेव का सबसे शक्तिशाली मंत्र है यह महामृत्युंजय मंत्र। इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु के भय से भी मुक्ति मिलती है। ॐ नमः शिवायः"
शंकर भगवान के श्री चरणों में फल, पुष्प, मिष्ठान अर्पित कर कलश से गंगाजल भक्तों के ऊपर छिड़कते हुए पंडितजी मंत्र का आशय भी समझाते जा रहै हैं। भक्तों का भी उत्साह देखने योग्य है। क्या देसी क्या विदेशी, सभी भक्त महादेव के दर्शन के लिए काफी देर से प्रतीक्षा कर रहे थे। पल्लीयाराई दीप आराधना सबके नसीब में कहां होती है!
इवान ने दोनों हाथ जोड़कर शिवजी को नमन किया और पंडितजी से फूल और मिठाई का प्रसाद पाकर बाहर आ गया। फरवरी माह का खुशगवार मौसम, महाशिवरात्रि फेस्टिवल का उत्साह और पास ही पम्बन ब्रिज की विशालता और भयावहता सहज ही किसी को भी अपनी ओर आकर्षित करने का माद्दा रखती है।
हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से चारों ओर से घिरा शंख के आकार का यह द्वीप रामेश्वरम ना जाने क्यों इवान को भा गया है। जब से वह इंडिया आया है, सप्ताह में एक बार अवश्य पल्लीयाराई दीप आराधना के समय मंदिर पहुंच जाता है। उस जैसे कई अन्य विदेशी सैलानी भी यहाँ हैं पर वह किसी से भी बात नहीं करता। भाषा की कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि वह दिल्ली के जेएनयू में साइक्लोजी का स्टूडेंट रहा है इसलिए उसे हिंदी अच्छे से आती है, हाँ! एक्सेंट अवश्य रूसी है जिसकी वजह से उसकी आवाज सुनकर हर कोई एक बार उसको पलट कर अवश्य देखता है।
मंदिर की सीढ़ियों पर अपने जूते ना पाकर इवान ने इधर-उधर देखना शुरू किया। थोड़ी दूर पर हरी आंखों वाली एक लड़की हाई हील की नुकीली ऊंचाइयों पर खुद को संभाले हुई थी, लेकिन उसकी निचाइयों में इवान के दोनों जूते दबे हुए कराह रहे थे जिससे उनके मुँह विकृत नजर आ रहे थे। इवान ने उस लड़की के पास जाकर धीरे से कहा, एक्सक्यूज़ मी! माय शूज़!
इवान की धीमी प्यारी आवाज ने उस हरी आंखों वाली लड़की के कानों में ऐसा धमाका किया कि वह घबरा गई और उसने पलटकर जैसे ही इवान को देखना चाहा, दीवार से टेक लगाकर टिकी उसकी कोहनी फिसल गई और ख़ड़बड़ाती हुई वह लड़की नीचे गिरने लगी। इवान ने भागकर उसे पकड़ना चाहा पर देखने में दुबली पतली लगने वाली लड़की का वजन वह संभाल नहीं पाया और फिसलकर दोनों एकसाथ ही नीचे गिरे।
भरी पब्लिक में नीचे गिरने की बेईज्ज़ती को अनदेखा करने के लिए आन्या ने अपने दायीं तरफ गिरा अपना पर्स उठाया, अपने सैंडिल का नुकीलापन निकाल कर फेंका और अपने कपड़े झाड़ती हुई उठ खड़ी हुई। उठते हुए उनकी नजर इवान पर पड़ी जो बार-बार अपनी पॉकेट में हाथ डाल कर कुछ ढूंढ रहा था। उसके थोड़ी दूर पर उसे जेंट्स पर्स नजर आया तो आन्या ने वह उठाकर इवान को दे दिया और उसे उठाने के लिए अपना हाथ आगे कर दिया। इवान ने फिर बड़ी सधी आवाज मे कहा, नो थैंक्स मैडम! और फिर खुद ही उठखडा हुआ, पर उसकी आंखें कुछ खोज रही थीं। आन्या ने उसके कॉलर में फंसा गेंदे का फूल निकाल कर इवान के हाथ में दे दिया। "यही खोज रहे थे आप!" इवान ने उसे माथे से लगाकर अपनी जीन्स की पॉकेट में रख लिया।
"आप शंकर भगवान को मानते हैं?" टाइट ब्लू डेनिम जीन्स और ढीली ब्लैक टीशर्ट, गले में रुद्राक्ष , माथे पर त्रिशुल डिज़ाइन का चंदन तिलक और लंबे बालों वाले रशियन से दिखते अजीबोगरीब लड़के को देखते हुए आन्या ने हैरानी जताई।
"रावण का वध करने के बाद जब भगवान राम अपनी पत्नी सीता माता के साथ रामेश्वरम के तट पर आये थे तो उन्होंने शिव की पूजा की थी ताकि पंडितजी को मारने के पाप से उन्हें मुक्ति मिल जाये।"
पंडितजी?
"श्रीलंका कंट्री का किंग रावण पंडित था, आपको नहीं पता!" इवान को हैरानी हुई।
"एक मिनट तुमने क्या पाप किया है? किसी को मारा है क्या, किसी पंडित को!!! हे भगवान! तुम यहाँ पाप से मुक्ति के लिए....." आन्या ने अपनी बड़ी-बड़ी आंखे मटकाते हुए कहा तो कुछ लोग उधर ही देखने लगे। यह देखकर इवान घबरा गया।
"नो-नो आई हैवंत किल्ड एनीवन.... मैंने किसी को नहीं मारा है। आई मीन......" इवान को कुछ समझ नहीं आया । उसने जल्दी से अपने जूते उठाकर हाथ में पकड़े और वहां से भागा। "ओ गॉड! दिस गर्ल हैव ऑलमोस्ट क्रिएटेड हैवोक फ़ॉर मी।"
इवान ने जल्दी से एक टैक्सी को हाथ दिया और नाथम रेजीडेंसी मण्डपम चलने के लिए कहा।
"सर! 5000/- ओनली!"
"मैं मंडपम में वन मंथ से रह रहा हूँ। रूपीज 1200/- ओनली।
ड्राइवर इवान को हिंदी बोलते देख समझ गया कि यहां दाल नहीं गलने वालीं। उसने इवान को बैठने का इशारा किया और उसके बैठते ही टैक्सी चल पड़ी।