शहीद दिवसराजगुरु, सुखदेव, भगतसिंह,वे भारत के लाल हुए।हंसते-हंसते फांसी चढ़ गये, करूं नमन में अश्क लिये।भारत मां की रक्षा करने,जो छोड़ सभी सुख निकल पड़े।दुश्मन की छाती पर चढकर,रहे वीर वो सदा अडे।।तोड द
देश की रक्षा करते सीमा पर तैनात रहते कुल का नाम रोशन करते है कौन जो मर मिटते। घर होकर भी बेघर रहते रात में जागरण करते निगाहो से निगाहे रखते है कौन जो मर मिटते। शक होन
आज का दिन शहीदी दिवस के नाम से विख्यात है। क्योंकि आज भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को अंग्रेज सरकार ने फांसी दी थी। तभी से यह दिन उन शहीदों के सम्मान में और याद में शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। य
मात्रा भार- 16+16= 32....... सादर नमन, शहीदी दिवस झूल गए फंदे पर वीरा, भाई तीनों हँसते हँसते सिंह भगत सुखदेव राजगुरु, दिए शहीदी लड़ते लड़ते धन्य मातु है देश धन्य है, मान्य धन्य चीर धन्य धनी उनके पथपर चल रे गौतम, राह दिखाए मरते मरते॥ आज शहीद दिवस यह कहता, मेरा दिन