आज का दिन शहीदी दिवस के नाम से विख्यात है। क्योंकि आज भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को अंग्रेज सरकार ने फांसी दी थी। तभी से यह दिन उन शहीदों के सम्मान में और याद में शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है उन वीर सपूतों की जिन्होंने देश के लिए हंसते हंसते अपने जीवन का बलिदान कर दिया। जो गीता हाथ में लेकर फांसी के फंदे पर हंसते हंसते बलिदान हो गए। यह दिन उन शहीदों का है जिन्होंने अपने जीवन को देश पर न्योछावर कर दिया।
अतः जरूरत है की आज हमारी नव युवा पीढ़ी उन वीर सपूतों के बारे में जाने। उनके बलिदान को सम्मान दें उनकी देशभक्ति को अपने जीवन में उतारने का संकल्प ले। ये हमारे देश के वास्तविक हीरो हैं।जो आज युवा पीढ़ी के आदर्श होने चाहिए। हमें आज बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है की हमारी नव युवा पीढ़ी इन बलिदानों को नहीं जानती। कुछ को तो राजगुरु और सुखदेव का नाम भी नहीं पता होगा। इसलिए जरूरी है की हम इन वीरों की शहादत को जाने। कितनी सुकुमार अवस्था मैं उन्होंने अपना जीवन देश के लिए बलिदान कर दिया। क्या आज देश के निवासियों का यह फर्ज नहीं है की हम इन वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि दे। हम भी देश भक्ति कि वे मिसाल पैदा करें की देश हम पर गर्व करें। आज हम धर्म ,जाति
ऊंच-नीच, अमीर गरीब के नाम पर भेदभाव कर रहे हैं। एकता की जगह विघटन फैला रहे हैं। ऐसे में देश के वीर सपूतों को हम यही सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं की हम ऐसा कोई भी काम ना करें जिससे हमारे देश पर कलंक लगे। हम हमेशा
देश को अपने आप से ऊपर स्थान दें।
(© ज्योति)