देश की रक्षा करते
सीमा पर तैनात रहते
कुल का नाम रोशन करते
है कौन जो मर मिटते।
घर होकर भी बेघर रहते
रात में जागरण करते
निगाहो से निगाहे रखते
है कौन जो मर मिटते।
शक होने पर चौकन्ना रहते
अपनी भुजाओ को गर्म रखते
दुश्मनो को मातृभूमि से खदेड़ते
है कौन जो मर मिटते।
सीने पर गोलियाँ खाते
सही सलामती का पत्र लिखते
दोस्तो की जान बचाते
है कौन जो मर मिटते।
माँ कब से राह ताकते
तिरंगे में बदन सिमटे
लहु उनका गवाही देते
चिताओ से धरा सजते
है कौन जो मर मिटते।
save tree🌲save earth🌏&save life❤