मैं , लेखनी और ज़िन्दगी : प्रेम के रिश्ते हों सबसे ,प्यार का संसार हो
मैं , लेखनी और ज़िन्दगी : प्रेम के रिश्ते हों सबसे ,प्यार का संसार हो मैं , लेखनी और ज़िन्दगी : प्रेम के रिश्ते हों सबसे ,प्यार का संसार हो
चाहें दौलत हो ना हो कि पास अपने प्यार हो - Sahityapedia