एक पुरानी किनारे को दुकान के सामने माल खुल गया तो उस पुरानी दुकान के मालिक को क्या क्या नुकसान उठाना पड़ा और कैसे वह अपने रोजगार को बचा पाया।
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माल बनाम पन्सारी ( अंतिम क़िश्त) अचानक ही एक घटना से अनिल को खयाल आया कि हो न हो माल वाले ऐसा ही कुछ तौल में कोई खेल खेल रहे हों । अनिल को ग्राहक कि इस मानसिकता का भी आभास था कि अगर ग्राहक को कोई