अब अगर आओ तो
मिले हो मुश्किल से हमें तुम भुला ना देना।
अब अगर आओ तो जाने का नाम ना लेना।
इश्क करना नहीं आसान किसी के लिए,
इश्क में डूबे तो दिल तोड़ने की बात ना करना।
अब अगर आओ तो जाने का नाम ना लेना।
मेरी मोहब्बत कमज़ोर नहीं साथ निभायेगी उम्रभर,
दहलीज़ पार की तो आने की बात ना करना ,
अब अगर आओ तो जाने का नाम ना लेना।।
रूदाद सुनकर मेरी तुम भला क्यूँ रो दिए?
संभालो खुदको मोती बिखेरने की बात ना करना।
अब अगर आओ तो जाने का नाम ना लेना।।
कहते हो हर बार करते हो मोहब्बत बेशुमार,
मोहब्बत में रंगे हो दूर जाने का इरादा ना करना,
अब अगर आओ तो जाने का नाम ना लेना।।
शाहाना परवीन...✍️
रूदाद -- कहानी
दहलीज़ -- डेहरी, द्वार