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ना मैंने गजल लिखी है, ना कोई गीत गाता हूं, बस कुछ ख्याल समेटे हैं, उन्हें मैं गुनगुनाता हूं, अब लिख डालूं वो सब मैं अपने इस रचना में, जिन बातों को मैं यहां लिखता और मिटाता हूं, कभी प्रेम कभी हास्य