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अध्याय 1

22 फरवरी 2022

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सुंदर नगर मे एक  बड़ी हवेली  कई वर्षों से खाली पड़ी थी , इसलिए कस्बे की सभी बस्तियों के भूत उस एक ही हवेली में जमा हो गए थे। वह एक भुतहा हवेली बन गयी थी।
इन भूतों में एक युवा मृत राजकुमारी भी थी। वह एक बड़े से कमरे में रखी अत्यंत पुरानी लकड़ी की अलमारी में रहती थी । वह शांति पसंद करती थी। राजकुमारी का नाम मधुबाला था। वह सिंह गढ़ रियासतके राजा जयसिंह की  पुत्री थीं। उससे बड़ा  एक भाई था । राजकुआरी ने  समय के साथ समझौता कर लिया था । वर्ना ये आश्चर्य की बात थी कि महलों में रहने वाली राजकुमारी एक अलमारी में कैसे रह रही थी? उसकी चेतना में संस्कारों के साथ कुछ स्मृतियाँ भी शेष थीं । उसकी एक मानुषी के रूप में पृथ्वी पर गुजरी आखरी शाम बड़ी दर्दनाक रही थी।

सन 1975 में वह 22साल की थी। एक अन्य रियासत के राजकुमार से उसके विवाह की चर्चा चल रही थी। उस वर्ष उसने बी ए प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया था । इस खुशी में राजा जयसिंह ने एक शानदार पार्टी का आयोजन किया था । सन 1975 की उस शाम को सिंहगढ़ के महल के राजकीय उद्यान में जब पार्टी जोरों पर चल रही थी तो एक काला नकाबपोश आदमी मशीनगन के साथ पीछे के गेट से शाही बगीचे में दाखिल हुआ और इससे पहले कि कोई प्रतिक्रिया कर पाता, उसने पहले राजा प्रताप सिंह पर, फिर सभी दिशाओं में अंधाधुंध फायरिंग की। राजकुमारी मधुबाला के सिर में एक गोली लगी और वह गिर पड़ी। जब उसे होश आया तो उसने देखा कि शाही बाग की जमीन पर खून से लथपथ उसके सहित कई लाशें पड़ी हैं। सभी मृत व्यक्ति, जिनके शव वहाँ पड़े थे, हवा में तैरते दिख रहे थे और अविश्वास से अपने निर्जीव शरीरों को देख रहे थे। उसने देखा कि उसके पिता अपने दोस्तों के बीच लेटे हुए थे। वह उनके पास यह देखने गई कि क्या वह जीवित है। उसने उसे मृत पाया। फिर उसने उनकी छाया को आकाश में उड़ते हुए देखा । उसने उनका पीछा करने की कोशिश की लेकिन वह एक निश्चित ऊंचाई से आगे नहीं जा सकी। उसने स्वयं को बहुत हल्का महसूस किया और जल्द ही वह समझ गई कि वह दुनिया के लिए मर गयी है और एक आत्मा के रूप में अस्तित्व में है। उसने सोचा कि क्या वह भूत बन गयी है। जल्द ही उसने इस बात की पुष्टि की।  उसका बड़ा भाई और उसकी पत्नी किसी तरह बच गये थे और महल में मौजूद थे। वह महल में गयी  और उनके सामने खड़ी हो गई। उन्होंने उसे नहीं देखा। उसने तीव्र इच्छा की कि वह उन्हें दिखाई दे और वह उनके सामने प्रगट हो गयी। तभी उसकी भाभी ने उसे देखा और उसे देख कर  इतना भयभीत हो गयी कि वह चिल्लाई ‘भुतनी और बेहोश होकर गिर गयी । मधुबाला तुरंत महल से निकल गयी । तब से वह अपनी चेतना में पड़े संस्कारों और कभी किन्हीं उच्च आत्माओं के मार्गदर्शन में  रहती आयी थी ।  मृत्यु के लगभग 50 वर्ष बीत चुके थे लेकिन वह हमेशा की तरह युवा बनी रही। इस अवधि के दौरान उसने कई स्थानों की यात्रा की और कभी  महलों,कभी  गुफाओं, और कभी पेड़ों पर रही और अंत में इस हवेली में पहुंचीऔर अलमारी में रहने लगी। कुछ दिन तो आराम से कटे। लेकिन फिर उसी कमरे में लगे सीलिंग फैन पर दो नई चुड़ैलें रहने आ गयी। और झाड़ फ़ानूस पर चार अधेड़ भुतनियाँ रहने आ गयी।  चुड़ैलें हर घंटे पर पंखे के पंखों पर बैठ कर पंखा चला कर घूमती और जोर जोर से चीखतीं और हंसतीं थी।  चार अधेड़ भुतनियाँ हर समय आपस में तेज आवाज में झगड़ती रहतीं।  राजकुमारी ने कुछ दिन उन्हें सहन किया फिर उसका धैर्य छूट गया। उसने अपना निवास स्थान अलग कहीं बनाने का निश्चय किया।

उसे शहर के बाहरी इलाके में एक अपार्टमेंट खाली मिला। उसने उसे पसंद किया और उस पर कब्जा कर लिया। कुछ दिनों तक विशाल अपार्टमेंट में अकेले रहने के बाद, वह अकेलापन और ऊबन महसूस करने लगी। जब वह ऊब जाती तो सड़क की ओर खुलने वाली खिड़की के पास खड़ी हो जाती और राहगीरों को देखा करती थी। एक दिन उसने देखा कि एक सुन्दर युवक सड़क के दूसरी ओर खड़ा है। वह उसकी ओरआकर्षित हो गयी और उसके मन में उससे दोस्ती करने की इच्छा हुई। उसने उसे अपने अपार्टमेंट में बुलाने का इरादा किया ।

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रचनाएँ
भुतनी पत्नी
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एक मृत राजकुमारी, भुतनी और एक जिन्दा युवक के प्रेम की कहानी । युवक भुतनी से विवाह का प्रस्ताव करता है जिसे भुतनी ठुकरा देती है । फिर क्या होता है ? पढ़ें
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अध्याय 1

22 फरवरी 2022
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अध्याय 2

22 फरवरी 2022
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 बरसात की रात     राकेश 24  साल का सुन्दर युवक था। वह 6' लंबा, गोरा और कसरती शरीर का स्वामी था। वह कुंवारा था और एक पुरुष छात्रावास में रहता था। वह  बिजली के स्विच बनाने के कारखाने में काम करता था

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अध्याय 3

22 फरवरी 2022
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    अगली रात  उस रात राकेश ठीक से सो नहीं पाया। उस रात भयानक दुःस्वप्न आते रहे थे। तथ्य यह भी था कि वह उस युवती का भयानक रूप सामने आने से पहले वाली उसकी सुंदर और आकर्षक मुस्कान को नहीं भूल सका था ।

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अध्याय 4

22 फरवरी 2022
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दिन के दौरान मुलाकात राकेश के रूम पार्टनर ने देखा कि राकेश काम से  देरी सेआया था। उसने राकेश से पूछा, "क्या आप काम पर ओवरटाइम कर रहे  हैं?" राकेश ने कहा,"नहीं, तुमने क्यों पूछा?" प्रदीप ने कहा,"क्

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अध्याय 5

22 फरवरी 2022
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 राकेश हैरान था  राकेश मधु के व्यवहार से हैरान था । वह उसके प्रस्ताव को अस्वीकार करने का कारण नहीं समझ सका। वह कारण पूछने के लिए मधु के अपार्टमेंट में गया, लेकिन अपार्टमेंट में ताला लगा हुआ था और प

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अध्याय 6

22 फरवरी 2022
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 मधु की दुविधा  एक जीवित महिला के वेश में रहते हुए और राकेश की दोस्ती में मधु अपने असली स्व को भूल गयी  थी। लेकिन जब राकेश ने उसे शादी के लिए प्रपोज किया तो उसे याद आया कि यह संभव नहीं था क्योंकि व

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अध्याय 7

22 फरवरी 2022
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 राकेश श्मशान में मधु से मिला ।  राकेश ने दूसरी पूर्णिमा की रात का इंतजार किया। मधु के बारे में जानकर वह पागल सा हो गया था। उसने हर चीज में रुचि खो दी थी । उसने दाढ़ी बनाना बंद कर दिया था । इसलिए मध

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अध्याय 8

22 फरवरी 2022
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 भूत पत्नी  राकेश अपनी इच्छा को नियंत्रित नहीं कर सका। वह हर हाल में मधु से शादी करना चाहता था । मधुने इस बात को स्वीकार कर लिया था कि यह संभव नहीं है। हालांकि, वे श्मशान घाट में मिलते रहे। श्मशान

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अध्याय 10

26 फरवरी 2022
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 वनजा और वीरेंद्र का प्रेम विवाह हुआ था। वे विवाह से पूर्व काल से ही रेलवे कालोनी में रहते थे । दोनों के पिता रेलवे में नौकरी करते थे।  वीरेंद्र के पिता ने स्वेच्छा से सेवा निवृति ले ली थी और किसी

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अध्याय 11

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 फिर दूसरे दिन दोपहर में उसने शहर के बाहर हाईवे के उस मोड़ पर निगरानी करने का विचार किया जहाँ सड़क के एक ओर एक बोर्ड पर चेतावनी लिखी थी”खतरनाक मोड़”।   किन्तु जैसे ही वह वहाँ पहुंची एक कार का तेज रफ्

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अध्याय 12

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 कई दिन मधुबाला भुतनी ने कब्रिस्तान के चक्कर लगाये किन्तु किस्मत साथ नहीं दी। उसके काम की कोई लाश नहीं आयी। साथ ही उसे कब्र से लाश चुराने का विचार अच्छा नहीं लगता था ।   एक रात को शहर में वह घूम रह

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अध्याय 13

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 पाँच छः महीने बाद पुनः उसे एक बच्चे को जन्म देने के विचार ने घेर लिया। अपनी ममता के अलावा वह राकेश की खुशी के लिये कम से कम एक बच्चे को जन्म देना चाहती थी जिसके लिये उसे एक महिला के शरीर की आवश्यक

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अध्याय 14

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 जबसे रुखसाना का शव कब्र से गायब हुआ था सादिक की नींद हराम हो गयी थी। वह हर समय भयभीत रहता। उसे लगता रुखसाना की रूह उसका पीछा कर रही है। अंधेरे में उसे रुखसाना की भूरी आंखे घूरती हुई नजर आती थी।  

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अध्याय 15

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  उस दिन के बाद 15 दिनों तक सादिक रुखसाना के सामने h नहीं आया। रुखसाना की माँ कभी जिक्र करती। वह रुखसाना से कहतीं,”सादिक ने हमारी काफी मदद की। एक दिन उसे दावत देना चाहिये । “  सादिक की बस में कही

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अध्याय 16

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 इस बीच सादिक का टेम्पो आ गया और सादिक गाँव से शहर और वापस टेम्पो में सवारिया ले जाने लगा। अच्छी कमायी होने लगी। उसका नशा भी बढ़ गया। अब वह गाँजा ,चरस छोड़ कर नशे की गोलियों का सेवन करने लगा था । इस

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अध्याय 17

26 फरवरी 2022
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 रुखसाना ने दूसरे दिन सुबह अम्मी को बताया, “दोपहर में सादिक आएगा।”  उन्होंने कहा,’’ उसके चाय नाश्ते का मैं इंतजाम कर दूँगी उसे बिना कुछ खाय पिये मत जाने देना। खाने का टाइम हो तो खाना पूछलेना बहुत

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अध्याय 18

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 सादिक जले पर नमक छिड़क गया जब कुछ दिन बाद रुखसाना की शादी शहर के एक पढे लिखे लड़के से तय हो गयी ।शादी एक महीने बाद थी । इस बीच एक दिन करीम ने उसे कोकीन का नशा कराया। उसे इसका चस्का लग गया । अब आये दि

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अध्याय 19

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 रुखसाना की शादी की तारीख से एक हफ्ते पहले। रात के करीब साढ़े बारह बजे थे। एक नकाबपोश खिड़की के रास्ते रुखसाना के कमरे में प्रविष्ट हुआ। वह गहरी नींद में सो रही थी।कमरे में लाल रंग का मद्धिम बल्ब जल र

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अध्याय 20

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 सुबह बहुत देर तक जब रुखसाना सोकर नहीं उठी तो उसकी अम्मी ने एक दो आवाजें दीं। कोई जवाब नहीं आया। तो वह उसके कमरे में गयी तो देखा वह सोई पड़ी है। उन्होंने फिर उसे आवाज दी, “रुखसाना उठ सोती रहेगी क्या

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अध्याय 21

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 पुलिस  बहुत दिनों तक छानबीन करती रही । फिर किसी जंगली जानवर द्वारा लाश ले जाये जाने की संन भावना बताकर केस बंद कर दिया। रुखसाना की अम्मी को मधु के रूप में रुखसाना मिल गयी थी। उन्होंने उसे बेटी मान

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