एक आलसी राजा था। वह कोई भी शारीरिक क्रिया नहीं करता था। परिणाम स्वरुप वह धीरे-धीरे बीमार पड़ने लगा। उसने राज वैद्य को बुलाया और कहा कि आप मुझे शीघ्र अति शीघ्र स्वस्थ कर दीजिए और कुछ औषधियां भी दीजिए ताकि आगे मैं कभी बीमार ना पड़ूं।
वैद्य जानता था कि राजा की बीमारी का कारण उसका आलसीपन है। इसलिए वैद्य ने उसे दो वजनदार डम्बल्स ला कर दिए और कहा- महाराज यदि आप इन जादुई डम्बलों को प्रतिदिन एक-एक घंटा सुबह शाम घूमाएंगे तो जल्दी ही आप स्वस्थ हो जाएंगे। ऐसा कहते हुए वैद्य ने उन्हें घुमाने की विधि भी बता दी। राजा ने वैसा ही करना शुरू किया। राजा नहीं जानता था कि वैद्य ने इस प्रकार से उसे एक व्यायाम बताया है। कुछ ही दिनों में उसका शरीर तंदुरुस्त हो गया। उसने वैद्य का शुक्रिया अदा करते हुए इलाज का रहस्य पूछा।
वैद्य बोला- महाराज यह कमाल इन जादुई डम्बलों का है। आप जिस दिन भी इन डम्बलों को उठाना छोड़ देंगे। उसी दिन से आप बीमार हो जाएंगे। इसलिए आप बिल्कुल भी इन डम्बलों को उठाना ना छोड़िएगा। इस प्रकार वैद्य ने राजा को नाराज किए बिना उनके आलसीपन को दूर करते हुए उन्हें स्वस्थ रहने का सही तरीका बता दिया।