मोहित ने चाय का आखिरी घूंट पिया और घडी की ओर देखा , शाम के 5 बजे थे , ऑफिस बंद होने में सिर्फ एक घंटा बचा था और अभी बहुत काम बाकी था , तभी उसका मोबाईल बज उठा , स्कीन पर स्नेहा का नाम देख कर मोहित बरबस ही मुस्करा उठा , अपनी शादी के पूरे 3 महीने और19 दिन बाद पहली बार स्नेहा ने मोहित को कॉल कर रही थी ,
मोहित और स्नेहा की दोस्ती फेसबुक पर इत्तफाकन हुयी थी , और फेसबुक से शुरू हो कर व्हट्सप्प तक पहुंची थी , धीरे धीरे स्नेहा मोहित के इतने करीब आ गयी थी की दूर जाना ही नही चाहती थी , और मोहित को अपनी सीमाये बहुत अच्छे से पता थी , मोहित जानता था की स्नेहा का जीवन एक कोरे कैनवास की तरह है और उसके पास जो रंग है वो इतने शोख है की वो किसी की भी ज़िंदगी में हलचल मचा सकते है , एक ही शहर में होते हुये वो दोनों कभी नही मिले , रोज फ़ोन पर थोड़ी सी बात और व्हट्सप्प पर बहुत सी चैट से उन दोनों ने खुद को खुश रखना सीख लिया था , एक अजीब और प्यारा सा रिश्ता था उन दोनों के बीच …
एक दिन स्नेहा ने मोहित को बताया था की कोई सॉफ्टवेयर इंजीनियर है ,जो उस से शादी करना चाहता है , और दोनों के घर वाले भी तैयार है , लेकिन स्नेहा किसी भी कीमत पर किसी से शादी नही करना चाहती थी , उसे सिर्फ मोहित का साथ चाहिए था , और कुछ नही …उसे डर था की शादी के बाद वो मोहित से बात नही कर पायेगी।
लेकिन मोहित को जिंदगी की हकीकत और आने वाले कल को समझता था ,मोहित के लगातार चार दिन समझाने के बाद स्नेहा ने उसी लड़के से शादी के लिए हाँ कर दी थी , लेकिन इस शर्त पर की मोहित उससे पहले की तरह ही बात करता रहेगा , और मोहित अपने वादे को निभाते हुए हर रोज सुबह शाम स्नेहा को मैसेज करता रहा ,भले स्नेहा जवाब आये न आये
मोहित ने कॉल उठाई और खुशी से बोला " कैसी हो नेहा …? आपके मिस्टर राइट कैसे है ?
और घर में सब कैसे है ? कैसा लग रहा है ? " मोहित सवाल पर सवाल दागे जा रहा था।
स्नेहा धीमी आवाज में बोली " सब ठीक है मोहित जी , आप से एक बात बोलनी थी ? "
" हाँ , बोलो न क्या बात है ? " मोहित को स्नेहा की आवाज के अजनबीपन ने चौंका दिया था।
" आप मुझे , मैसेज मत किया करिये ," हमारे इनको " नही पसंद की मै किसी और से बात करू …, अच्छा रखती हूँ ,अपना ख्याल रखना , बॉय "
कॉल कट चुकी थी , और मोहित समझ नही पा रहा था सिर्फ फोन ही कटा है या बहुत कुछ हरदम के लिए कट चूका है ।
समाप्त