आगरा शहर भारत के सबसे प्रसिद्ध शहरों में एक है। प्रसिद्धि का कारण है ताजमहल। प्रेम का प्रतीक ताजमहल मुगल बादशाह शाहजहां ने बनाया और आगरा दुनिया के विश्व पटल पर सबसे मशहूर शहरों में शुमार हो गया। कोई भी विदेशी भारत घूमने आये और ताजमहल न घूमने आये। यह संभव ही नहीं।
महिला सशक्तिकरण की बात करें तो भारत ऐसा देश है जहाँ लड़कियों को देवी का प्रतीक माना जाता है। पर लङका लङकी में भेदभाव यहाॅ रोज होता है। कथनी और करनी का जीता जाता उदाहरण इससे बढकर कोई नहीं हो सकता। पर सच्चाई इससे बहुत परे है। इतिहास में ऐसी महिलाओं का उल्लेख बङे जोर शोर से मिलता है जिन्होंने अपने बलबूते कुछ अलग कर दिखाया। पुरुष प्रधान समाज को आइना कई महिलाओं ने दिखाया है।
आज आगरा में भाग्य श्री वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनाती ले रही थीं। मैडम का कैरियर रिकोर्ड बहुत अच्छा रहा है। जहां पुरुष एस0पी0 असफल हो जाते, भाग्य श्री को वहाॅ भेजा जाता। वैसे नौकरी का अधिकांश भाग प्रतीक्षारत ही रहीं । कारण राजनेताओं से खराब संबंध। हर सरकार की इच्छा अपने पसंदीदा अधिकारी को जिले की कमान देने की रहती है। पर सरकार की मजबूरी भी है। जब किसी जिले की कानून व्यवस्था न सम्हल सके तो भाग्य श्री को याद करना पड़ता। और भाग्य श्री हमेशा परिणाम देतीं।
आगरा में ताजमहल के अलावा एक और प्रसिद्ध इमारत है- लाल किला। दिल्ली का लाल किला शाहजहां ने बनबाया और आगरा का मुगल बादशाह अकबर ने। इसी लाल किले में औरंगजेब ने शाहजहां को कैद रखा था। पर इतिहास पढ़ाना मेरा उद्देश्य नहीं है।
लाल किले के चारो तरफ प्राचीन आगरा बसा है। एक खासियत और है। गली मोहल्लों से निकली नालियां बङे नालों से मिलती हैं। और नाले यमुना जी से। नदी प्रदूषण रोकने के चाहे कितने भी दावे कर लिये जायें पर हकीकत अलग ही है। और इसके अलावा कोई चारा भी नहीं है।
ये बङे नाले न जाने कितने लोगों का काल बन चुके हैं। ना जाने कितने शराबी इन नालों में प्राण गंवा चुके हैं। और खून करने बाले अपराधियों के अपराध छिपाने का स्थल भी यह है। दिन में तो यह भीङभाङ बाला इलाका है पर रात को पुलिस की गश्त लगती रहती है। पर फिर भी अगर किसी के घर का सदस्य घर न पहुंचे तो घर बालों का संदेह इन नालों पर जरूर जाता है। बरसात के मौसम में नाले भयानक रूप ले लेते हैं। इसलिये हर साल नगर निगम अपनी बङी मशीनों से बरसात से ठीक पहले नाले की सफाई कराती है। और हर साल कुछ एक लाश या कंकाल इसमे मिलते हैं। ज्यादातर तो लावारिस माने जाते हैं।
पर इस साल नाले की सफाई की गयी तो कई कन्या भ्रूण मिले। संख्या पचास से ऊपर थी। कभी कोई शराबी नाले में गिर गया, वह अलग बात है। और इतने कन्या भ्रूणों का मिलना अलग बात। आखिरकार भाग्य श्री मैडम को आगरा भेजा गया। अब देखना है कि हर बार की तरह मैडम अपनी पोस्टिंग का प्रमाणित कर पाती हैं।
भाग्य श्री ने जिले के सभी पुलिस अधिकारियों का रिकॉर्ड मंगवाया। और इस केस को हल करने के लिये एक मजबूत टीम तैयार की। इंस्पेक्टर राधा को मैडम ने इस केस की जिम्मेदारी दी। राधा ने भी अपनी पसंद के सिपाहियों को इस टीम में शामिल कराया। अब इस केस पर काम कर रही टीम का संक्षिप्त वर्णन कर दूं।
1. भाग्य श्री : जिले की एस0पी0 और लगभग चालीस साल की अनुशासन पसंद महिला है।
2. राधा :इस केस मे मुख्य अधिकारी है। पैंतालीस साल की महिला
3. प्यारेलाल : पचास साल का सिपाही है।
4 राममोहन :तीस साल की आयु का नया लङका, सिपाही के रूप में दो साल पहले ही आया है।
5. नंदनी :इस टीम की सबसे कम आयु की महिला सिपाही। अभी पच्चीस साल की लङकी है।
आस पास कई नर्सिंग होम थे। पर काफी प्रयास के बाद भी सफलता हाथ नहीं लग रही थी। हर संदिग्ध से पूछताछ की गयी। पर मामला ढाक के तीन पात।
एक दिन एस0पी0 साहिबा ने मीटिंग ली।
भाग्य श्री :राधा। इतने दिन हो गये। पर अभी तक कोई हल नहीं मिला।
राधा: मैडम। मेने अपनी पूरी कोशिश कर ली। पर कोई जानकारी नहीं मिल पायी। वैसे मेने कई नर्सिंग होम में जानकारी ली है। कइयों से पूछताछ भी की है। जल्दी ही कोई सुराग हाथ लगेगा।
भाग्य श्री :जल्दी सुराग मिलना आवश्यक है। बर्ना हमारे पुलिस विभाग की इज्जत मिट्टी में मिल जायेगी।
राधा :मैडम, मैं अपनी पूरी कोशिश कर रही हूं। जल्द परिणाम मिलेगा।
प्यारेलाल चुपचाप सुन रहा था। भाग्य श्री की नजर उनपर गयी। जैसे कुछ कहना चाह रहा हो। पर अधिकारियों के अदब के कारण चुप हो।
'प्यारेलाल जी। कुछ कहना चाहते हो। '
' मैडम। मैं भला क्या कह सकता हूं। '
' अरे नही। जो भी कहना है, बेझिझक कहो। '
' मैडम। मुझे नहीं लगता कि जिस तरह हम काम कर रहे हैं, उस तरह कुछ भी नतीजा मिलेगा। '
' तो बताओ। इसमें हम सब क्या करें। '
' मैडम। मैं यह कहना चाहता था कि इन अपराधियों को पकड़ने के लिये एक चाल चली जाये। मेरी बहू अभी चार महीने की गर्भवती है। इसी तरह राममोहन की औरत भी पेट से है। मुझे लगता है कि इस मामले में हम से ज्यादा हमारे परिवार की औरतें इस केस की तह तक पहुंच सकती हैं। बस एक योजना बनानी होगी। और औरतों को समझाना होगा। '
भाग्य श्री ने प्यारेलाल की बुद्धि की तारीफ की। पुलिस बालों के परिवार की महिलाऐं उनके मिशन का हिस्सा बनने जा रही थीं। भाग्य श्री और राधा ने उन्हें सब कुछ समझा दिया। इस मिशन की भनक इन पुलिस बालों के अलावा अन्य पुलिस बालों को भी न थी।
दूसरे दिन उन औरतों ने शहर के अलग अलग नर्सिंग होम में दिखलाने का नंबर लगाया। प्यारेलाल की बहू अपनी सास के साथ एक मशहूर डाक्टर को दिखाने गयी। डाक्टर के पास उन्होंने खूब आडंबर किया।
'मैडम जी। जी बताओ। मेरी बहू के छोरा है या छोरी। '
' अरे चाची। आप भी कैसी बात कर रही हो। लङका और लङकी में क्या अंतर है। मैं भी तो लङकी हूं। लङकों से कोई कम हूं। अच्छा है जो भी हो उसे भगवान का आशीर्वाद समझो। '
डाक्टरनी ने तो समझा कर विदा कर दिया। अब अगले दिन किसी और नर्सिंग होम में दिखायेंगे। पर ईश्वर इन महिलाओं के साथ था। अस्पताल से बाहर निकल भी न पायीं कि एक नर्स ने धीरे से बुलाया।
' चाची। लङका या लङकी का पता चल जायेगा पर यहाॅ नहीं। '
' बिटिया। इत्ती दूर ते आए। अब तोरी बात सुनके राहत मिली। '
' चाची। धीरे बात करो। '
' अच्छा बिटिया। बता क्या करना है। '
' चाची। मेरी एक रिश्ते में चाची है। उधर लाल किले के पीछे मस्जिद है, वहीं पीछे गली में रहती है। पर रात आठ बजे बाद आना। '
' बिटिया। तुम्हारी चाची कैसे पता करेगी। '
' अब जा ते तुम्हें का मतलब। चाची के पास मशीन है। तुम तो बहू को दिखाओ। और छोरी भई तो बाको हू इंतजाम है। पर छोरा निकलो तो चाची अलग ते इनाम लूंगी। '
' जगह बता बिटिया। आज रात ही तेरी चाची को दिखाने आती हूं। '
और उसी रात वह नर्स और उसकी चाची पुलिस लोक अप में थे। घर पर अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ साथ बच्चा गिराने के सारे औजार और दवाइयों का जखीरा बरामद हुआ। एक कहावत पुलिस लाक अप में अच्छा से अच्छा अपराधी सच बोलने लगता है, सच साबित हुई। उस औरत के शहर के कई अस्पतालों में काम करने बाली नर्सों से संबंध थे। जो ऐसे लोगों को उसके पास लाते। उनकी निशानदेही पर ऐसी एक दर्जन नर्सो को पुलिस से गिरफ्तार किया। बेटियों की जिंदगी उनके जन्म से पूर्व ही खत्म करने बाली इन तथाकथित स्त्रियों को हाईकोर्ट से भी जमानत नहीं मिली।
एस0पी0 साहिबा ने प्रेस कांफ्रेंस में इस केस के सुलझाने का पूरा श्रेय पुलिस बालों के परिवार की महिलाओं को दिया और उन्हें विशेष पुरस्कार दिया।
विशेष सूचना :
इस कहानी में केवल इतनी सच्चाई है कि लाल किले के नजदीक नालों में हर साल सफाई के दौरान एक दो लाश मिल जाती हैं। शेष पूरी कहानी काल्पनिक है। यदि किसी भी घटना से यह कहानी मिलती है तो उसे केवल एक संयोग समझा जाये।