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समान नागरिक संहिता

6 नवम्बर 2022

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हमारे देश में भाषण इत्यादी पर ज्यादा बल दिया जाता है की ऐसा होना चाहिये था वैसा होना चाहिये था ऐसा क्यूँ नही हुआ वैसा क्यूँ नही हुआ इसने ये किया वो नही किया वगेरह वगेरह आदि |
आप चाहे देश के लिये कुछ भी नया करे जो की देश हित में हो लेकिन हर चीज घटिया राजनीति की भेंट चढ़ जाती है अगर बात करे समान नागरिक संहिता की तो ये बहुत पहले ही हो जाना चाहिये था किन्तु भारत देश के बुद्धिमान नेता केवल अपना हित साधने में लगे है नेताओं के विचार आम आदमी की सोच से परे है ये क्या कर रहे है आगे क्या करेंगे कुछ कह नही सकते आम जनता सदा परेशान थी और सदा परेशान रहेगी उसके साथ केवल भगवान ही खड़ा है कोई और नही |
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रचनाएँ
प्रभु श्री राम
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ये तो सब ही जानते है की प्रभु श्री राम भगवान है किन्तु अगर देखा जावे तो किसी भी भगवान के सामने मर्यादा शब्द नही लगा है जैसा की हम सभी जानते है की सनातन धर्म में तैतीस कोटि देवी देवता माने गये है किन्तु किसी भी देवी व देवता के सामने मर्यादा शब्द नही लगा यह मर्यादा शब्द केवल प्रभु श्री राम को ही मिला वो इसलिये की अयोध्या के राजा होते हुये भी प्रभु श्री राम में अहंकार,घृणा,द्वेष,बल भ्रस्टाचार इत्यादि रत्ति भर भी प्रभु श्री राम के व्यक्तित्व में नही था वो अयोध्या के राजा होते हुये भी अपने शासन व लोगों के बीच आम नागरिक की भांति रहते थे आम जीवन व्यतीत करते थे यही कारण होने के बावजूद प्रभु श्री राम ने कैकयी माता द्वारा दिया गया चौदह वर्ष का वनवास हँसते हँसते प्राप्त कर लिया था प्रभु श्री राम की सोच उनका साधारण व्यक्तित्व धैर्य की चरम प्रकाशठा स्नेह उदारता,सुंदर चरित्र,कठिन परिस्तिथियों में अव्वल,धैर्य की सीमा यह सभी प्रभु श्री राम को मर्यादा जैसे शब्द की और अग्रसर करते है प्रभु श्री राम ने न ही केवल मर्यादा में रहकर कार्यकिये बल्कि वह एक खुद मर्यादित राजा थे अयोध्या के जिनकी अगर मर्यादा का गुणगान कितना भी किया जावे उतना ही कम है इसलिये प्रभु श्री राम मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम कहलाये |
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जीवन में सबसे ज्यादा पछतावे वलीवाली घटना

7 अक्टूबर 2022
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ईश्वर ने इस धरती को रचा हैं और ईश्वर ने ही इंसान को बनाया हैं अगर प्रार्थी के अनुसार इंसान को सबसे ज्यादा पछतावा तभी हो सकता हैं जब वह हर तरह से संपन्न हो और संपन्न होने के बावजूद उसने किसी असहाय की म

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चरित्र

9 अक्टूबर 2022
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चरित्र से है बनता इन्सान |चरित्र से है पहचाना जाता इन्सान |चरित्र है सुन्दर तो सम्मान पाता है इन्सान |चरित्र है दूषित तो धिक्कार पाता है इन्सान |जैसे हीरे और आभूषण स्त्री और पुरुष की है सुन्दरता को बढ़

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मैं बड़ा या हम

10 अक्टूबर 2022
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अक्सर इंसान अपनी बोलचाल में हर बार मैं शब्द का प्रयोग करता है की अमुक कार्य मैनें किया हैं मैं ही करने वाला हूँ में ना होता तो कुछ नही होता में अगर चला जाऊं तो तुमसे कुछ नही होगा में ही सब कुछ हूँ ऐसे

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तराजू का इंसाफ

11 अक्टूबर 2022
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तराजू है न्याय का प्रतीक |तराजू है समानता का प्रतीक |तराजू के दोनों पलड़े है समान |इसलिये कानून में है सभी को समान अधिकार |क्या आज की दुनिया में मिलता हैं इंसाफ ये बात बता दे ऐ इंसान |एक तराजू के पलड़े

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गऊ -माता

13 अक्टूबर 2022
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<div>चार पैर पर जो है चलती |</div><div>सनातन धर्म में जो है पूजती |</div><div>तैतीस कोटि देवी देवता है जिसमे समाये |</div><div>उसी को है हम गौ माता कहलाये |</div><div>युगों युगों से जो है पूजती |</div

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गुजरात मोरबी पुल दुर्घटना

1 नवम्बर 2022
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यह दुर्घटना बहुत ही दर्दनाक व पीड़ित हुई है जिसमें कई सौ लोगो के मृत्यु होने की खबर बताई जा रही है प्रार्थी आज के इस लेख पर इतना ही लिखना चाहेगा की चाहे किसी की भी सरकार कहीं भी क्यों न हो भ्रष्टाचार स

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डिजिटल मुद्रा

2 नवम्बर 2022
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निरंतर हाईटेक होती दुनिया में सब कुछ डिजिटल हो चुका है और होना भी चहिये जिससे कि सभी का कार्य आसान हो जाये अब बात करे डिजिटल मुद्रा कि तो डिजिटल मुद्रा काफी अच्छा कदम है पैसों के लेन देन इत्यादी में ल

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5जी तकनिक- लाभ और प्रभाव

3 नवम्बर 2022
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आज जहां सब कुछ मोबाइल के माध्यम से ही सबके कार्य पूर्ण हो जाते है अगर देखा जावे तो मोबाइल आज इन्सान के शरीर का एक अंग बन चुका है जिसके बिना इन्सान रह नही सकता है इसलिये इसी को मद्देनजर रखते हुये मोबाइ

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देवउठानी एकादशी

4 नवम्बर 2022
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वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्

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देवउठानी एकादशी

4 नवम्बर 2022
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वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्

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देवउठानी एकादशी

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वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्

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देवउठानी एकादशी

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वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्

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देवउठानी एकादशी

4 नवम्बर 2022
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वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्

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वैश्विक जलवायु परिवर्तन

5 नवम्बर 2022
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जैसा की हम सभी जानते है की "परिवर्तन ही संसार का नियम है"अर्थात् चीजे परिवर्तन शील है बदलती रहती है किन्तु जलवायु परिवर्तन की अगर बात करे तो आज के समय में लघभग सभी चीजे दूषित हो चली है प्रकर्ति को दूष

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समान नागरिक संहिता

6 नवम्बर 2022
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हमारे देश में भाषण इत्यादी पर ज्यादा बल दिया जाता है की ऐसा होना चाहिये था वैसा होना चाहिये था ऐसा क्यूँ नही हुआ वैसा क्यूँ नही हुआ इसने ये किया वो नही किया वगेरह वगेरह आदि |आप चाहे देश के लिये कुछ भी

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कार्तिक पूर्णिमा

7 नवम्बर 2022
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हमारे पंचांग व कैलेंडर के अनुसार वर्ष में बारह महीने होते है जिसमे सनातन धर्म में इन्ही बारह महिनों में से कुछ महीनों को अति पवित्र माना गया है जैसे की सावन,चैत्र,कर्तिक,व माघ अब बात करे कर्तिक पूर्णि

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निजीकरण पर आपके विचार

8 नवम्बर 2022
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सबसे पहले तो देश में कोई भी परिवर्तन लाया जावे या उस पर अम्ल किया जावे तो सबसे पहले तो उस पर राजनीति नही होनी चाहिये अगर किसी भी योजना या परिवर्तन पर नेता राजनीति करेंगे तो वह योजना या परिवर्तन भले ही

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आरक्षण

9 नवम्बर 2022
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डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखे गये संविधान का एक अभिन्न अंग है आरक्षण जो यह तय करता है की गरीबी रेखा या फिर गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों के स्कूल,कॉलेज व सरकारी नौकरियों में आरक्षण फैसला

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आरक्षण

9 नवम्बर 2022
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डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखे गये संविधान का एक अभिन्न अंग है आरक्षण जो यह तय करता है की गरीबी रेखा या फिर गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों के स्कूल,कॉलेज व सरकारी नौकरियों में आरक्षण फैसला

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जातिवाद और धर्म भेद भाव

10 नवम्बर 2022
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ईश्वर ने इस धरती को रचा है और जाहिर सी बात है की जब धरती को रचा है तो बनाने वाले ने इंसान को भी बनाया है वो इसलिये की इन्सान दो पैर का बुद्धिजीवी प्राणी हैं जिसके पास दिमाग है ईश्वर की यह बहुत सुन्दर

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राष्ट्रीय शिक्षा दिवस

11 नवम्बर 2022
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जैसा की हम सभी जानते है की शिक्षा के बिना इस धरती पर कुछ भी संभव नही हैं किसी भी चीज को प्राप्त करने के लिये शिक्षा बहुत जरुरी है हम चाहे किसी के भी उपलक्ष्य में या जयंती में शिक्षा दिवस मनाये किन्तु

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भरष्टाचार-समस्या और निदान

12 नवम्बर 2022
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इस देश में आजादी से पहले और आजाद के बाद तक भ्रस्टाचार एक ऐसा मुद्दा रहा है जो की आज तक किसी से भी नही सुलझा है वो इसलिये की देश को चलाने वाले से लेकर के और छोटे बड़े सभी कर्मचारी जहां तक जिस विभाग में

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टी-20विश्व कप 2022

13 नवम्बर 2022
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हर दो साल बाद आयोजित होता है टी 20विश्वकप जिसमें की कई देशों की टीम भाग लेती हैं और अपने प्रदर्शन के अनुसार जीतती व हारती है लेकिन बात करे भारत की तो भारत की इस वर्ष 2022 में करारी हार जो की इंग्लैंड

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बाल दिवस

14 नवम्बर 2022
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हम हर साल चौदह नवंबर को पंडित जवाहर लाल नेहरु की जयंती के उपलक्ष्य में बाल दिवस मनाया जाता है बालक पण्डित जवाहर लाल नेहरु को चाचा नेहरु कहकर भी बुलाते थे व पंडित जवाहर लाल नेहरु जी भी बच्चों से बहुत अ

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जनसंख्या वृद्धि

15 नवम्बर 2022
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जैसा की हम सभी जानते है की आज के समय में जनसंख्या काफी बड़ा मुद्दा बन चुका है जिस पर अगर लगाम नही लगी तो बहुत कुछ विकराल स्थिति देखने को मिलेगी भारत में बढ़ती जनसंख्या के बावजूद ही रोजगार की कमी भी बनी

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क्षणिक प्रेम

16 नवम्बर 2022
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प्रेम ही इंसान को इंसान बनाता है |प्रेम ही हैवान को इंसान बनाता है |प्रेम ही दुश्मन को दोस्त बनाता है |एक भक्त का प्रेम होता है ईश्वर से |एक बच्चे का प्रेम होता है अपनी मां से |पर क्या आज के युग में म

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जादुई दुनिया

17 नवम्बर 2022
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ये दुनिया भी जादुई दुनिया से कम नही है जहां इन्सान के कर्मो के खेल से रोज खिलाता है भगवान जैसे एक मदारी अपनी डूगडूगी से जानवर को नचाता है ठीक उसी प्रकार भगवान अपनी जादुई छड़ी से कर्मो के अनुसार किसी को

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आखिरी रास्ता

18 नवम्बर 2022
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इंसान की इच्छाएं कभी भी पूर्ण नही होते है इंसान का मन कभी भी पूर्ण नही होता है जिस प्रकार पेट को शांत करने के लिये भोजन को ग्रहण करना पड़ता है और फिर इंसान की शुदा शांत हो जाती है किन्तु मन एक ऐसा आधार

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2056 की दुनिया

19 नवम्बर 2022
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जैसे जैसे भारत देश आगे बढ़ रहा है तकनिकी के मामले मे उसको देखर के यही अन्दाजा लगाया जा सकता है की 2056की दुनिया में सब कुछ तकनीकी हो जायेगा यहां तक की मानव भी तकनीकि का रूप ले लेगा और अब बात करे अध्यात

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जैसे जैसे भारत देश आगे बढ़ रहा है तकनिकी के मामले मे उसको देखर के यही अन्दाजा लगाया जा सकता है की 2056की दुनिया में सब कुछ तकनीकी हो जायेगा यहां तक की मानव भी तकनीकि का रूप ले लेगा और अब बात करे अध्यात

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जैसे जैसे भारत देश आगे बढ़ रहा है तकनिकी के मामले मे उसको देखर के यही अन्दाजा लगाया जा सकता है की 2056की दुनिया में सब कुछ तकनीकी हो जायेगा यहां तक की मानव भी तकनीकि का रूप ले लेगा और अब बात करे अध्यात

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जैसे जैसे भारत देश आगे बढ़ रहा है तकनिकी के मामले मे उसको देखर के यही अन्दाजा लगाया जा सकता है की 2056की दुनिया में सब कुछ तकनीकी हो जायेगा यहां तक की मानव भी तकनीकि का रूप ले लेगा और अब बात करे अध्यात

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2056 की दुनिया

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जैसे जैसे भारत देश आगे बढ़ रहा है तकनिकी के मामले मे उसको देखर के यही अन्दाजा लगाया जा सकता है की 2056की दुनिया में सब कुछ तकनीकी हो जायेगा यहां तक की मानव भी तकनीकि का रूप ले लेगा और अब बात करे अध्यात

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2056 की दुनिया

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जैसे जैसे भारत देश आगे बढ़ रहा है तकनिकी के मामले मे उसको देखर के यही अन्दाजा लगाया जा सकता है की 2056की दुनिया में सब कुछ तकनीकी हो जायेगा यहां तक की मानव भी तकनीकि का रूप ले लेगा और अब बात करे अध्यात

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