हर दो साल बाद आयोजित होता है टी 20विश्वकप जिसमें की कई देशों की टीम भाग लेती हैं और अपने प्रदर्शन के अनुसार जीतती व हारती है लेकिन बात करे भारत की तो भारत की इस वर्ष 2022 में करारी हार जो की इंग्लैंड ने दी है उसको देखकर के यही लगता है की भारत उतना बहतर प्रदर्शन नही करता है जितना उसको करना चाहिये भारत के खिलाड़ी महज टीवी ऐड देते है खेल में उतना परिश्रम नही करते जितना उनको करना चाहिये ये खेल जुनून का है जो आखिरी बॉल पर मैच जितान की ताकत रखता हो वही इस खेल का विजेता होता है फिर चाहे कोई भी टीम सामने क्यों न हो |
ये तो सब ही जानते है की प्रभु श्री राम भगवान है किन्तु अगर देखा जावे तो किसी भी भगवान के सामने मर्यादा शब्द नही लगा है जैसा की हम सभी जानते है की सनातन धर्म में तैतीस कोटि देवी देवता माने गये है किन्तु किसी भी देवी व देवता के सामने मर्यादा शब्द नही लगा यह मर्यादा शब्द केवल प्रभु श्री राम को ही मिला वो इसलिये की अयोध्या के राजा होते हुये भी प्रभु श्री राम में अहंकार,घृणा,द्वेष,बल भ्रस्टाचार इत्यादि रत्ति भर भी प्रभु श्री राम के व्यक्तित्व में नही था वो अयोध्या के राजा होते हुये भी अपने शासन व लोगों के बीच आम नागरिक की भांति रहते थे आम जीवन व्यतीत करते थे यही कारण होने के बावजूद प्रभु श्री राम ने कैकयी माता द्वारा दिया गया चौदह वर्ष का वनवास हँसते हँसते प्राप्त कर लिया था प्रभु श्री राम की सोच उनका साधारण व्यक्तित्व धैर्य की चरम प्रकाशठा स्नेह उदारता,सुंदर चरित्र,कठिन परिस्तिथियों में अव्वल,धैर्य की सीमा यह सभी प्रभु श्री राम को मर्यादा जैसे शब्द की और अग्रसर करते है प्रभु श्री राम ने न ही केवल मर्यादा में रहकर कार्यकिये बल्कि वह एक खुद मर्यादित राजा थे अयोध्या के जिनकी अगर मर्यादा का गुणगान कितना भी किया जावे उतना ही कम है इसलिये प्रभु श्री राम मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम कहलाये |