प्रेम ही इंसान को इंसान बनाता है |
प्रेम ही हैवान को इंसान बनाता है |
प्रेम ही दुश्मन को दोस्त बनाता है |
एक भक्त का प्रेम होता है ईश्वर से |
एक बच्चे का प्रेम होता है अपनी मां से |
पर क्या आज के युग में मानव प्रेम करता है मानव से |
चकाचौंध भरी इस दुनिया में महज पैसों ने बना दिया है सबको अपना गुलाम |
रोज लगती यहां बोलियां पैसों से |
क्योंकि यहां हर चीज बिकती है पैसों से |
मानव का प्यार भी बिकता पैसों से |
मानव का अस्तित्व भी बिकता पैसों से |
सब करते है सच्चा प्यार पैसों से |
बिना पैसों का प्यार हैं |
महज क्षणिक व महज रंच मात्र का नाममात्र प्यार |