जैसा की हम सभी जानते है की आज के समय में जनसंख्या काफी बड़ा मुद्दा बन चुका है जिस पर अगर लगाम नही लगी तो बहुत कुछ विकराल स्थिति देखने को मिलेगी भारत में बढ़ती जनसंख्या के बावजूद ही रोजगार की कमी भी बनी हुई है जहां सरकारी हो या प्राइवेट दोनो ही जगह करोड़ करोडों फार्म जाते है और बेचारे युवा अच्छे पढ़े लिखे अपनी आजिविका चलाने हेतु दिन रात सड़कों पर भटकते रहते है नौकरी के लिये हर जगह भ्रस्टाचार होने से योग्य युवा व युवतीयाँ परीक्षा पास कर के भी घर बैठे है जिन्हे रोजगार देना चाहिये वो बेचारे खराब सिस्टम के हालात चलते दिन रात आय दिन आत्महत्या कर रहे है जनसंख्या वृद्धि पर जल्द से जल्द अगर लगाम नही लगी तो वो दिन भी दूर नही जब इंसान इंसान को मारेगा भूख के लिये आने वाले समय में भूखमरी के हालात भी देखने को मिलेंगे भारत देश में |
ये तो सब ही जानते है की प्रभु श्री राम भगवान है किन्तु अगर देखा जावे तो किसी भी भगवान के सामने मर्यादा शब्द नही लगा है जैसा की हम सभी जानते है की सनातन धर्म में तैतीस कोटि देवी देवता माने गये है किन्तु किसी भी देवी व देवता के सामने मर्यादा शब्द नही लगा यह मर्यादा शब्द केवल प्रभु श्री राम को ही मिला वो इसलिये की अयोध्या के राजा होते हुये भी प्रभु श्री राम में अहंकार,घृणा,द्वेष,बल भ्रस्टाचार इत्यादि रत्ति भर भी प्रभु श्री राम के व्यक्तित्व में नही था वो अयोध्या के राजा होते हुये भी अपने शासन व लोगों के बीच आम नागरिक की भांति रहते थे आम जीवन व्यतीत करते थे यही कारण होने के बावजूद प्रभु श्री राम ने कैकयी माता द्वारा दिया गया चौदह वर्ष का वनवास हँसते हँसते प्राप्त कर लिया था प्रभु श्री राम की सोच उनका साधारण व्यक्तित्व धैर्य की चरम प्रकाशठा स्नेह उदारता,सुंदर चरित्र,कठिन परिस्तिथियों में अव्वल,धैर्य की सीमा यह सभी प्रभु श्री राम को मर्यादा जैसे शब्द की और अग्रसर करते है प्रभु श्री राम ने न ही केवल मर्यादा में रहकर कार्यकिये बल्कि वह एक खुद मर्यादित राजा थे अयोध्या के जिनकी अगर मर्यादा का गुणगान कितना भी किया जावे उतना ही कम है इसलिये प्रभु श्री राम मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम कहलाये |