"रश्मि का पाक सम्मान" आज रश्मि के खुशी का ठिकाना नहीं है, हो भी क्यों नहीं, सम्मान किसको प्यारा नहीं होता। प्रतिपल सभी यही तो चाहते हैं कि उसके कर्म का, उसके व्यवहार का, उसकी लगन की तारीफ हो, पर आम जीवन में ऐसा कहाँ होता है। जन्मपर्यन्त जूझना ही तो पड़ता है। शिक्षा से शुर