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अंग्रेजी हवा में हिन्दी की सुगंध

13 जुलाई 2016

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आजकल अंग्रेजी लिखना, पढना व बोलना सिर्फ जरूरत नहीं एक चलन बन गया है । अंग्रेजी मात्र एक भाषा न रहकर एक लिबास बन गई है, एक ऐसा लिबास जो आपके पढ़े-लिखे और बुद्धिजीवी होने का प्रमाण है पर यह भी एक भ्रम ही है ऐसे अंग्रेजी प्रेमियो का । हालाँकि आज भी हिन्दी पाठको की संख्या में और हिन्दी साहित्य, उपन्यास के प्रेम में कोई कमी नहीं आई है । हाल ही में हिन्दी पाठको हेतु बेहद ही मनोरंजक, रोमांच से परिपूर्ण एक उपन्यास "नायिका"  चर्चा में है जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अॉनलाइन उपलब्ध है । नायिका राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अतनु बिस्वास की एक फिल्म कहानी पर आधारित सरल हिन्दी में लिखा गया उपन्यास है और जिसे हिन्दी शब्दों और कल्पनाओं से सजाया है हिन्दी कवि, लेखक, फिल्म निर्देशक करन निम्बार्क ने । आप यह उपन्यास  अमेजोन, फ्लिपकार्ट, शॉपक्लुस, पेटीएम किसी भी एक वेबसाइट पर जाकर "नायिका, करन निम्बार्क" लिखने के बाद वेबसाइट द्वारा बताए निर्देशो का पालन करके खरीद सकते है ।


करन निम्बार्क,

कवि जैसा लेखक जैसा

करन निम्बार्क की अन्य किताबें

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मेरा पहला प्रयास मेरा प्रथम उपन्यास

5 जुलाई 2016
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नमस्कार दोस्तों, मुंबई मेरे लिए किसी चाय की ग्लास की भांति है | एक मिश्रित संस्कृति एक मिश्रित जीवनशैली | यह मेरा सौभाग्य ही है कि मेरा जन्म इस नगरी में हुआ जिसे सपनो का शहर कहते है | लेखन का कौशल या लेखन मे रूची तो सदैव से ही थी पर इसे कभी जीवनयापन  का साधन भी बनाऊंगा यह सोचा नहीं था | वैसे भी हमने

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अंग्रेजी हवा में हिन्दी की सुगंध

13 जुलाई 2016
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आजकल अंग्रेजी लिखना, पढना व बोलना सिर्फ जरूरत नहीं एक चलन बन गया है । अंग्रेजी मात्र एक भाषा न रहकर एक लिबास बन गई है, एक ऐसा लिबास जो आपके पढ़े-लिखे और बुद्धिजीवी होने का प्रमाण है पर यह भी एक भ्रम ही है ऐसे अंग्रेजी प्रेमियो का । हालाँकि आज भी हिन्दी पाठको की संख्या में और हिन्दी साहित्य, उपन्यास

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एक नविन रचना के प्रयास में

18 जुलाई 2016
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एक दुपहरी सीखा गई हमें जीना आप भी पढ़ें और सीखे

20 जुलाई 2016
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एक दुपहरी सीखा गई हमें जीना, आप भी पढ़ें और सीखेwww.youtube.com/karannimbark9

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कहने को शहर है पर हालात गाँव से बदतर है ।

24 जुलाई 2016
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कहने को शहर है पर हालात गाँव से बदतर है | दो दशको से रहता आया हूँ  महाराष्ट्र - पालघर जिले के नालासोपारा शहर में (पहले ठाणे जिले में था ) | परंतु आज भी वक़्त=बेवक़्त विद्युत् प्रवाह में बाधा आम सी बात है | नालासोपारा का जिक्र तो अपने कई फ़िल्मों, टीवी कार्यक्रमों में सुना ही होगा पर यहाँ के नागरिकों की

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एक और प्रयास, शुभारंभ करने जा रहा हूँ अगला उपन्यास

25 जुलाई 2016
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चुनाव के पहले थोड़ी सी समझदारी, इस बार जनता की बारी

29 जुलाई 2016
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जग हँसाई

17 फरवरी 2018
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जीवन यात्रा में

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कैसा प्रेम

18 फरवरी 2018
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धन से प्रेम को माँपने वाले, चरित्र कहाँ से मोल लोगे...करन निम्बार्क, मुंबई

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