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अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

8 मार्च 2022

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#अन्तर्राष्ट्रीय_महिला_दिवस

      आज 08 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है । सुबह से ही समाचार पत्रों एवं शोशल मीडिया पर शुभकामनाओं का दौर है , अच्छी बात इससे स्त्री सशक्तीकरण को एक बल मिलता है । पर क्या स्त्री सम्मान एक दिन का विषय है ? पाश्चात्य जगत से प्रेरित मातृ दिवस,पितृ दिवस,प्रेम दिवस आदि मनाने की परंपरा , और यह परंपरा विशुद्ध रूप से बाजारवाद है । आज विश्व ग्लोबल विलेज के साथ-साथ ग्लोबल मार्केट भी है ।
     स्त्री का सम्मान करना हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग एवं हमारी सभ्यता के मूल स्वरूप का अंग है । वैदिक साहित्य के अध्ययन से ज्ञात होता है कि उस काल में स्त्रियों का सम्मानजनक स्थान था । उस काल में स्त्रियाँ शोषित वंचित नहीं होती थीं वरन विदुषी भी थीं । उन्हें विद्याध्ययन एवं अपने अनुरुप पति चुनने का भी अधिकार था , वैदिक यज्ञों में गृहस्थ के लिए व्यवश्था है कि बिना पत्नी को साथ बिठाये वह परिपूर्ण नहीं माना जाता । भले ही यह परंपरायें कुलीन वर्गों तक ज्यादा प्रचलित रही हों । हमेशा से ही कुलीन(elites) वर्ग के रीतिरिवाज का अनुकरण अन्य वर्ग करते रहे हैं । अतः उसकाल में सभी वर्गों में स्त्रियों की स्थिति अपेक्षाकृत सुदृढ़ रही होगी । आज भी आदिम समाजों में एवं तथाकथित निम्नवर्ग में कुछ ऐसी परम्परायें प्रचलित रही हैं जिन्हे प्राप्त करने हेतु आधुनिक नारीवादियों को बाकायदा कैंपेन चलाना पडता है । मध्यकाल की कुछ कुरीतियों के कारण भारत में स्त्रियों की स्थिति में गिरावट आयी,कारण कुछ भी रहा हो ।
     स्त्री का सम्मान करना हमें पहले अपने घर से शुरु करना चाहिए । हमें अपनी पुत्री,बहन,पत्नी,माँ का सम्मान करते हुए उन्हें यथोचित स्वतंत्रता भी संरक्षित करनी चाहिए ।वैसे नारी भी नारी के सशक्तीकरण की दिशा में एक बाधक है जो कि अलग से चर्चा का विषय है । अन्त में महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें ।

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