6 अक्टूबर 2022
zindagi-ka-kayda-hindi-kavita कुछ भी मामूली सा न मिले और ज़िन्दगी मुहाल हो जाये, हो दिल में सवाल गहरे , पूँछ लूँ , तो बवाल हो जाये | हर रोज़ बे – सिर – पैर सी नज़र आती है ज़िन्दगी, पता चले