टेबल पर बैठ कर सोचता हूं क्या लिखूं? भविष्य को दुलारू या भूत को दुत्कारू।कुछ भी तो नहीं लिखा जाता।अभी आॅफिस पहुंचा हूं। चारों तरफ कागज के बण्डल बार बार यह एहसास करवाते रहते है, आरसी! दुनिया में अकेले तुम ही उपेक्षित नहीं हो। स्वीपर का काम है, मेरे आते ही सफाई करना। कर रहा है। अपने मोबाईल के आॅडियो प