राहुल ने थोड़ा सा इमोशनल हो कर कहा , " मेरे बिना रह लोगी ? "
राहुल के इस सवाल पर , ईशा ने दो मिनट तक कुछ सोचा , और फिर उस ने कहा , " शुरुआत में थोड़ी मुस्किल होगी , पर फिर बाद ने धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा , नॉर्मल हो जाएगा ।। शायद रह लूंगी मैं तुम्हारे बिना ।। " ये कह कर ईशा चुप हो गई ...
ईशा रुआंसी हो चुकी थी और उस का गला भर आया था ये कहते हुए , पर उसे पता था कि अब चीज़ें हाथ से बाहर हो चुकी हैं , और शायद अब कुछ ठीक नहीं हो सकता ।।
फिर राहुल ने कहा , " ओह ऐसा , अच्छा चलो ... मैं तुम्हें रेलवे स्टेशन तक ले चलता हूं , अभी तुम्हें टैक्सी भी नहीं मिलेगी ।। " ये कहते हुए राहुल ने सोचा कि कुछ दिनो बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा , उस ने ईशा के हाथ से बैग लेने के लिए अपना हाथ आगे बढाया ।।
पर ईशा ने कहा , " इस की कोई जरूरत नहीं है राहुल , मैं ने टैक्सी बुला ली है और शायद वो नीचे ही होगा ।। और अगर नहीं भी आया होगा तो मैं बुला लूंगी , तुम्हें मेरी चिंता कर ने की कोई जरूरत नहीं है ।। "
ईशा रुआंसी थी , पर पता नहीं कैसे मगर वो ऐसे एक्ट कर रही थी मानो उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता ।।
अभी वो दो कदम आगे बढ़ी ही थी , कि उस ने सोचा , कहीं राहुल उस पर शक तो नहीं कर रहा , और उस बात को उस ने राहुल से पूछ भी लिया , " शक कर रहे हो मुझ पर , हां , बताओ राहुल , शक कर रहे हो मुझ पर ? "
राहुल ने उसे देखा , और अभी वो भी काफी रूआंसा था , उस ने कहा , " ये तुम सोच रही हो , ये तुम सोच रही हो ईशा , मैं ने अभी तक ऐसा कुछ सोचा भी नहीं ।। मैं तो बस तुम्हें ट्रेन में अच्छी तरह बिठा दूं , तुम्हें सेफली पहुंचा दूं ।। बस यही इरादा था मेरा , वैसे ईशा ... तुम बोल रही हो कि तुम मेरे साथ एडजस्ट नहीं कर सकती , पर मैं ने भी तुम्हारी बहुत सारी बातों को नजर अंदाज किया है और हमेशा तुम्हारे साथ एडजस्ट किया है , आगे भी करूंगा ।। "
" अच्छा , बताओ ! बताओ किस बात पर तुम ने एडजस्ट किया है मेरे साथ ।। " ईशा ने काफी चिढ़ कर राहुल से ये सवाल पूछा ।।
राहुल ने कहा , " छोड़ो जाने दो ।। "
" नहीं , नहीं बोलो , बोलते क्यों नहीं ? , बोलो ! ठीक है , नहीं बोलना है तो मैं निकल रही हूं ।। " इस वक्त ईशा काफी नाराज़ हो चुकी थी , और उसे लग रहा था कि अब तो काउंटर क्वेश्चन पर आ चुका है ।।
" अच्छा " , राहुल ने सोचा कि , इस बात का जवाब दे ही दिया जाए , और उस ने इस बात का जवाब भी दिया , उस ने कहा , " तुम सच में जा रही हो ? ,एक गुड बाय है भी नहीं दोगी ? " राहुल ने अपने दोनो हाथ आगे बढ़ाए और ईशा को अपने पास लाने की कोशिश की ।।
ईशा दौड़ कर उस के गले से लग गई , वो दो मिनट के लिए तो बहक गई थी , लेकिन फिर उसे वापस याद आया कि वो अभी नाराज हैं , वो ये बात जानती थी कि राहुल उस से बहुत प्यार करता है , पर अचानक ही वो खुद को छुड़वाते हुए बोली , " नहीं , अब सब कुछ खत्म हो चुका है ।। "
और फिर वो दरवाजा खोल कर बाहर निकल गई , और दरवाजे को उस ने जोर से बंद किया ।। दरवाजे के बंद होने की आवाज आई , राहुल एक दम अवाक सा उस दरवाजे को देखता रह गया ।। उसे इस बात पर अब भी विश्वास ही नहीं हो रहा था , कि ईशा अब जा चुकी है ।। उस घर से भी और शायद उस की दुनिया से भी ।।
ऐसा क्या हुआ था , जिस की वजह से ईशा इतनी नाराज हो गई थी , ऐसा क्या हो गया था , जिस की वजह से राहुल भी नहीं मान रहा था , और ऐसा क्या था , जिस की वजह से राहुल ईशा पर शक करता था ??
इन सारे सवालों का जवाब , मिलेगा आप को इस कहानी के अगले चैप्टर में