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अटाला

10 जून 2016

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एक कहानी जिसे सुनाना बाक़ी है 

एक तस्वीर जिसे उतारना बाक़ी है 

यादों और ख्वाहिशों के गलीचों के बीच 

कुछ ऐसा है जिसे अभी टटोलना बाक़ी है 


सोचता हूँ घर के टाँड़ पे पड़े 

काठ के टूटे घोड़े में 

चंद कीलों के पैबंद लगा किसी बचपन को दे दूँ 

कि कल की यादों में 

आज के लम्हों को बचाना बाक़ी है 


और...  कुछ झपटी हुई पतंगें हैं 

जिन्हें उड़ाना बाकी है 

लूटा हुआ मांजा है ज़िन्दगी-सा 

जिसे अब भी सुलझाना बाकी है 

रद्दी हुए अखबारों कि एक नाव 

जिसे बौछारों में बहाना बाकी है 

और भी न जाने क्या क्या छुपा है 

यादों के इस अटाले में 

बस टाट का ये पर्दा हटाना बाकी है 


अभिषेक ठाकुर की अन्य किताबें

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अटाला

10 जून 2016
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एक कहानी जिसे सुनाना बाक़ी है एक तस्वीर जिसे उतारना बाक़ी है यादों और ख्वाहिशों के गलीचों के बीच कुछ ऐसा है जिसे अभी टटोलना बाक़ी है सोचता हूँ घर के टाँड़ पे पड़े काठ के टूटे घोड़े में चंद कीलों के पैबंद लगा किसी बचपन को दे दूँ कि कल की यादों में आज के लम्हों को बचाना बाक़ी है और...  कुछ झपटी हुई पतंगें है

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अंशि

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नियति क्या है? क्या ये महत्त्वपूर्ण है? क्योंकि जब आप नियति की बात करते हैं तो किरदार गौण हो जाते हैं। लेकिन वे किरदार ही हैं जो अपनी-अपनी ज़िंदगियों के सिरों को जोड़कर नियति को गढ़ते हैं। शब्दों से इतर कहानी क्या है? अगर नुक्ते  और लकीरें, मात्राओं, हलन्तों और अक्षरों की शक्लें अख़्तियार ना करें तो क्

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साल 1930। जवाहर लाल नेहरू लाहौर में रावी के तट पर भारत का झंडा फहरा चुके थे। कांग्रेस पूर्ण स्वराज की घोषणा कर चुकी थी। साहब सुबह सवेरे अपने घर के दालान में बैठे थे। सामने मेज पर एक खाकी टोपी और कुछ अखबार।  गहरी चिंता में लगते थे। खाकी वर्दी, घुटनों तक चढ़ते बूट और उस पर रोबदार मूंछे। साहब अंग्रेजी स

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तो इस महीने तीन किताबें पढ़ीं: 1. 2014 The Election That Changed India  (राजदीप सरदेसाई)2. खुशवंतनामा (खुशवंत सिंह)3. कितने पाकिस्तान (कमलेश्वर)अगस्त का टार्गेट 4 किताबों का है और ये चार किताबें हैं:1. Metamorphosis (फ्रैंज काफ्का) 2. गुनाहों का देवता (धर्मवीर भारती)3. मेरे मंच की सरगम (पीयूष मिश्रा)

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अगस्त महीने की दूसरी किताब थी - "मिसेज़ फनीबोन्स"। किताब की लेखिका हैं ट्विंकल खन्ना। ट्विंकल खन्ना, जिन्हें ज़्यादातर लोग कई रूप में जानते हैं - राजेश खन्ना और डिंपल कपाड़िया की बेटी, अक्षय कुमार की बीवी और एक फ्लॉप एक्ट्रेस। लेकिन इनके अलावा इनकी एक शख्सियत और है। ये बात अक्सर मध्यम वर्गीय लोगों में

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अगस्त महीने की तीसरी किताब थी - गुनाहों का देवता। किताब के लेख क हैं धर्मवीर भारती। बहुत कुछ सुना था इस किताब के बारे में। इस किताब को मेरे जान-पहचान के बहुत लोगों ने recommend भी किया था। ये हिन्दी रोमैंटिक उपन्यासों में सबसे ज़्यादा ल

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