2 दिसम्बर 2021
351 फ़ॉलोअर्स
प्रेम है तो श्रृंगार है विरह है वेदना है पर जो भी है सब दिल के करीब है ...💞 मैं और मेरा प्रेमी ही मेरी कलम है, यूँ तो बहुत बड़ी कवियित्री नही हूं, पर प्रेम को अपने काव्य में रखने का शौक पूरा करती हूं। प्रसिद्ध किताबें :- काव्या की काव्यांजली, नारी जीवन दर्पण, काव्यांशी जीवन के रंग, लफ्ज़ों की लहरें, प्रेम डगर, हाल ए दिल......... आशा है रचनाओं में आप जीवन और प्रेम की वास्तविकता को महसूस करेंगे 🙏 काव्या सोनीD
ये आपने गद्य में लिखा है या पद्य में अगर गद्य हो तो सही करिये अगर पद्य हो तो डिलीट करके फिरसे लिखिए लाइन और पैरा बदल बदल कर मैं भलाई के लिए ये बोल रही हूं इस कविता को डिलीट करके अच्छे से लिखिए बहन
2 दिसम्बर 2021
Very nice..
2 दिसम्बर 2021
अच्छा लिखा हैं आपने
2 दिसम्बर 2021
Wowww very nice dear 👌
2 दिसम्बर 2021
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति जी 🙏🙏
2 दिसम्बर 2021