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क्यों चरित्रहीन सिर्फ होती है नारी

25 दिसम्बर 2021

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Ritu shaktawat

Ritu shaktawat

शानदार लेखन👌👌👌

25 दिसम्बर 2021

काव्या सोनी

काव्या सोनी

25 दिसम्बर 2021

Shukriya Aapka 🙏🍫

Kavya Nirala

Kavya Nirala

बहुत बढ़िया अप्रतिम 👌 👌 👌

25 दिसम्बर 2021

गीता भदौरिया

गीता भदौरिया

बहुत बढ़िया

25 दिसम्बर 2021

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

बहुत बेहतरीन 👌👌👌

25 दिसम्बर 2021

Riyazul Hasan

Riyazul Hasan

आपने नारी की बात की है, तो मैं भी आज तैयार हूँ 💔 आपकी हर बात का जबाब देने के लिए, आप कौन सी नारी की बात कर रहीं हैं, माँ की बातें, बहिन की बातें, बीबी की बातें, बेटियों की बातें, या फिर , ससुराल बालीं सभी नारियों की बातें, मैं देता हूँ, जबाब आपको अगर बुरा न लगे तो, कुल मिलाकर मुझे तो नारी नाम से ही नफ़रत हो गयी है, और आपकी रचना आप के हिसाब से ठीक होगी,, लेकिन मैं 😭😭😭😭

25 दिसम्बर 2021

काव्या सोनी

काव्या सोनी

25 दिसम्बर 2021

Mai sirf ek aurat ki bat kr rhi hu jo agr apne mn ki kr le ya apno risto se jyada apni khwahish ko ahmiyat de to uske chritr par sawal utha diye jate hai nafrat ya koi maa bahan beti patni ki bat nhi ki maine

25 दिसम्बर 2021

Manpriya

Manpriya

Bahut hi shi likha

25 दिसम्बर 2021

25 दिसम्बर 2021

Chinu Ji

Chinu Ji

Sahi kaha di ek nari ki vyatha bohot hi khubsutat shabdho me bayan ki he very very very very very very nice 👍👍👍👍👍👌👌👌👌👌👌👌👌👌🤗🤗🤗🤗🤗🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰😍😍😍😍😍😘😘😘😘💐💐💐💐💐💐💐💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫🍫

25 दिसम्बर 2021

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रचनाएँ
औरत का मन
5.0
औरत के मन के अहसास औरत के मन की बात कुछ अनकही रह जाए कुछ अनसुनी के दी जाए
1

एक नारी है तू

8 अक्टूबर 2021
21
12
6

<div>एक नारी है तू</div><div><br></div><div>बेटी मां बहन बहु पत्नी सखी </div><div>कितने रूप में

2

कसम होती लडकियो पर भी जारी

21 अक्टूबर 2021
14
5
11

कसम होती लडकियो पर भी जारी<div><br></div><div>लड़कियों तुम सुन लो अब तुम्हारी बारी</div><div>ये कसम

3

औरत के मन की बात

2 दिसम्बर 2021
14
10
8

<div align="left"><p dir="ltr"><span style="font-size:21px" ;=""><span style="color:#000000;">औरत एक

4

 बेटी हो जैसे पिंजरे की पंछी

2 दिसम्बर 2021
8
7
4

<div align="left"><p dir="ltr">पिंजरे के पंछी<br> खुले आसमान में उड़ते जाए<br> आजाद हुए जब पिंजरे के

5

खरीदी हुई दुल्हन

2 दिसम्बर 2021
8
7
5

<div align="left"><p dir="ltr">रिश्ते खरीदे और बेचे जाए<br> लड़की की कीमत लगा कर<br> दुल्हन जब बनाए<

6

नारी जीवन का क्या है सार

3 दिसम्बर 2021
8
8
6

<p>नारी को परिभाषित करने के लिए<br> <br> कोई नाम की नहीं जरूरत<br> <br> नारी तो है प्रेम त्याग की मू

7

कर ली मैंने खामोशी इख्तियार

4 दिसम्बर 2021
7
5
4

<p>कभी तो पूछ लेते मुझसे</p> <p>क्यों है मन उदास</p> <p>क्यों खोई खोई सी हूं</p> <p>क्यों मन अच्छा न

8

एक बेटी का अपने प्रेमी को जवाब

5 दिसम्बर 2021
8
4
3

<div align="left"><p dir="ltr">एक अच्छी बेटी की सुनो जरा बात<br> प्रेमी को क्या खूब दिया जवाब</p> <p

9

लड़कियों तुम जैसी हो वैसी ही रहो

5 दिसम्बर 2021
3
1
0

<p dir="ltr">लड़कियों तुम जैसी हो<br> वैसी ही रहो<br> चाहे अच्छी कहे<br> या कहे कोई बुरी<br> खुद को

10

नारी का अपमान हर बार हुआ

6 दिसम्बर 2021
4
3
3

<div align="left"><p dir="ltr">हर इतिहास सबक सिखाता है<br> ना करना भूल बतलाता है<br> गलती तुम ना दोह

11

क्या ये सच मे प्यार है

11 दिसम्बर 2021
10
6
6

<p>कैसा ये प्यार है<br> <br> Hii hlo से होती शुरुआत<br> Friendship तक पहुंचे फिर बात<br> तारीफों के

12

क्यों चरित्रहीन सिर्फ होती है नारी

25 दिसम्बर 2021
22
8
11

<div align="left"><p dir="ltr">क्यों चरित्रहीन सिर्फ होती है नारी<br> क्या इसमें नहीं होती किसी पुरु

13

क्या तुम जानते हो

28 दिसम्बर 2021
4
3
2

<p><br></p> <p>कभी सुनना चाहा तुमने उसकी खामोशी को</p> <p>कभी दिखा खामोशी मे<br> <br> अपनेपन के शब्द

14

याद रह जाते है सिर्फ हदे ओर दायरे

28 दिसम्बर 2021
1
1
1

<p>एक लड़की<br> अनगिनत ख्वाब बुनती है<br> ख़यालो की गलियों से गुजरती है<br> ख्वाहिश होती उसकी आसमां

15

थोड़ी नादान है वो लड़की

28 दिसम्बर 2021
1
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">थोड़ी नादान है वो लड़की<br> सबकी मुस्कान है वो लड़की</p> <p dir="ltr"

16

हुई सयानी

28 दिसम्बर 2021
1
1
1

<p>ना ही कोई कहानी<br> ना इश्क मुहब्बत की रवानी<br> ना लबों पर मुस्कान<br> ना कोई अरमान<br> सिर्फ आं

17

दहेज से गूंजी शहनाई

30 दिसम्बर 2021
3
3
3

<div align="left"><p dir="ltr">किसी ने अपने बेटे की बोली लगाई<br> सर झुकाकर बेटी के पिता ने<br> किया

18

क्यों वो फिर जीवन रंग भर नहीं सकती

30 दिसम्बर 2021
2
2
2

<div align="left"><p dir="ltr">क्यों कहते है <br> वो ऐसा कैसे कर सकती है<br> किसी चले जाने के बाद भी

19

क्यों बेवफा वो हो गई

30 दिसम्बर 2021
2
2
2

<div align="left"><p dir="ltr">कहता है वो समन मेरा<br> वो ऐसा कैसे कर सकती थी<br> प्यार उसे भी था मे

20

पहेली सी मैं

30 दिसम्बर 2021
3
3
3

मैं किसी के लिए उलझी सुलझी पहेली सी किसी नजरो में खलती किसी की सहेली सी प्यार जो कोई जताए वो दिल में बस जाए जिनकी नजरो को नहीं सुहाती उनकी राह मै ना कभी जाती दिल जो अपनाए उसकी हो जाती हूं दि

21

हर औरत की अक्सर ये ही कहानी

31 दिसम्बर 2021
0
1
0

<div align="left"><p dir="ltr">किसी काम में मन नहीं लगना<br> बिन बात के यू ही झल्लाना<br> खुद उलझना

22

औरत है नादान 

31 दिसम्बर 2021
0
1
0

<div align="left"><p dir="ltr">औरत है नादान लच्छे दार बातो मे उलझा देते है<br> खूबसूरती की कर तारीफ

23

 क्या मेरी खता थी

6 जनवरी 2022
23
9
11

फेंका तेजाब क्या मेरी खता थी मेरे इनकार की क्यों ये सजा दी तुम्हे था प्यार मुझे था इनकार क्यों इनकार को माना अंहकार एक छोटी सी ना पर चेहरा मेरा झुलसाया अपनी जीत का खूब जश्न भी मनाया मै थी नादान जो त

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कहते है सब औरत बाते छिपा नहीं पाती

8 जनवरी 2022
63
17
15

कहते है सब औरत के मन मेंबाते छिप नहीं पातीबाते कोई भी हो औरत कभी पचा नहीं पातीकभी सोचा ना किसी ने कभी जानाऔरत से बेहतर ना आए किसी कोबाते छिपानापति की मार सास के ताने घरेलू हिंसा का अत्याचारसहजता

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वो बुरी औरत

4 फरवरी 2022
7
3
2

घूंघट करने से उसे है परहेज पुरुषों से भी बात करने में वो है सहेज सब से मिलती मिलती है जरा नहीं सकुचाती है सिर्फ मुस्कुराती नहीं वो खिलखिलाती है तर्क करने से पिछे नहीं हटती बिना डरे नज़रे मिलाकर ब

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बेखौफ होकर क्या कभी जी पाऊं??

12 फरवरी 2022
5
5
4

ख्वाहिश है बन जाऊं तितली फूलो कलियो से मिल आऊं पर डरती हू अनजानी निगाहों किसी हाथ आकर किताबो दब कर बंद हो जाऊं चाह बड़ी पंछी बन जाऊ खुले आसमन की सैर कर आऊं पर तुम्हारे मे पिंजरा मै देख पाऊं कैद हो जान

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बुद्ध औरत ना हो पाए

1 जनवरी 2022
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr"><u>औरत</u> से उम्मीद सदा ही सीता होने की<br> बुद्ध औरत ना हो पाए<br> जो बुद्ध होने की राह औरत जाए<br> पति को सोता छोड़ बच्चे का मोह ना रोक पाए<br> घर गृहस्थी छोड़ <u>जाए

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मुझको मेरी कमी खलती है

17 फरवरी 2022
0
0
0

मुझको मेरी कमी खलती है मेरे वजूद मे मेरी ही शख्सियत ना कहीं मिलती है मै जो थी कहीं खो गई खुद से ही जुदा हो गई मुझे मेरी ही कमी खलती है खुद की ही तलाश में खोया है मन बेरंग सा ये जीवन खुद बिन खलता ये सू

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हर रूप में ढल जाए

17 फरवरी 2022
1
1
1

तितली सी औरत है नज़ाकत उसमे पर हौसलों से है चट्टान अपनो के लिए अपनी हस्ती मिटा दे बात आत्मसम्मान पर आए तो बन जाती तूफान अल्फाजों कर सके औरत की शख्सियत को बयान ना कोई ऐसी कलम बनी महान घर में उसी से है

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मै बनकर सरिता सी बहना चाहूं

11 मई 2022
1
0
0

मै बनकर सरिता सी बहना चाहूं जैसे निभाए सरिता निस्वार्थ रिश्ते मै भी रिश्तों को वैसे ही जीना चाहूं सरिता संग अपने आंचल में बहा ले जाए जैसे रेत कंक्कड़ पौधे नन्हे से जीव सारे लगते यूज़ए सब अपने और प्य

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