21 अक्टूबर 2021
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प्रेम है तो श्रृंगार है विरह है वेदना है पर जो भी है सब दिल के करीब है ...💞 मैं और मेरा प्रेमी ही मेरी कलम है, यूँ तो बहुत बड़ी कवियित्री नही हूं, पर प्रेम को अपने काव्य में रखने का शौक पूरा करती हूं। प्रसिद्ध किताबें :- काव्या की काव्यांजली, नारी जीवन दर्पण, काव्यांशी जीवन के रंग, लफ्ज़ों की लहरें, प्रेम डगर, हाल ए दिल......... आशा है रचनाओं में आप जीवन और प्रेम की वास्तविकता को महसूस करेंगे 🙏 काव्या सोनीD
कि प्रेम की दीप्ति फैलाओ तुम नारी हो, ईर्ष्या,प्रेम, करुण भेद की महतारी हो कि स्वयं में न रूढ़िता अपनाओ आकुल-व्याकुल पुरुषों के उंघे प्रेमपुरुसत्व जगाओ
6 दिसम्बर 2021
बढिया
3 दिसम्बर 2021