... अपने मंत्रिमंडल में विस्तार करते हुए नरेन्द्र मोदी ने 19 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई, जिनमें शामिल हैं फग्गन सिंह कुलस्ते, अनिल माधव दवे, एसएस अहलुवालिया, रमेश चंदप्पा, राजेन गोहेन, रामदास अठावले, जसवंत सिंह भाभोर, अर्जुनराम मेघवाल, पुरुषोतम रुपाला, अजय टम्टा, महेंद्र नाथ पांडेय, कृष्णा राज, मनसुख भाई मंडविया, अनुप्रिया पटेल, सीआर चौधरी, पीपी चौधरी, सुभाष भामरे और एमजे अकबर. इन 18 मंत्रियों को राज्यमंत्री का पद (Modi cabinet expansion) दिया गया है. जबकि 19वें मंत्री के रूप में प्रकाश जावड़ेकर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. इस दिन शाम तक पता चला कि प्रकाश जावड़ेकर का कद काफी बढ़ा दिया गया है और उसे स्मृति ईरानी की जगह 'मानव संशाधन मंत्रालय (HRD Ministry) जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी है.
इसके पहले वे केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री थे और उन्होंने पर्यावरण को विकास कार्यों में बाधा नहीं बनने दिया. आपको याद तो होगा ही कि 2014 के आम चुनाव में किस प्रकार नरेंद्र मोदी पर्यावरण को लेकर 'जयंती टैक्स' की बात किया करते थे. बहरहाल प्रकाश जावड़ेकर का कद बढ़ गया है तो स्मृति ईरानी को 'कपड़ा मंत्रालय' देकर उन्हें नसीहत दी गयी है कि वह विवाद से ज्यादा अपने काम पर ध्यान दिया करें. स्मृति ईरानी को अपेक्षाकृत लो-प्रोफाइल मिनिस्ट्री देकर पीएम ने यह भी इशारा किया है कि उन्हें कोई भी मंत्री काम के आधार पर ही प्रिय या अप्रिय होगा और अगर किसी मंत्री का प्रदर्शन अपेक्षाकृत ठीक नहीं रहता है तो वह उन्हें हटाने से भी परहेज नहीं करेंगे. इसी क्रम में, पांच पुराने कैबिनेट मंत्रियों को उनके कार्यभार से मुक्त कर दिया गया है, जिनका नाम रामशंकर कठेरिया, निहाल चंद, सांवरलाल जाट, मनसुख वसावा, एमके कुंदेरिया हैं. शिवसेना भी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बयान देती रही, किन्तु प्रधानमंत्री उसके दबाव में नहीं झुके, जिससे साफ़ संकेत मिला है कि 'उन्हें सिर्फ और सिर्फ काम' ही प्यारा है, कुछ और नहीं! इस मंत्रिमंडल विस्तार की बात करें तो अनुप्रिया पटेल जोकि अपना दल से और रामदास आठवले आरपीआई से हैं, उन्हें भी इस नए मंत्रिमंडल (Modi cabinet expansion) में शामिल किया गया है, बाकी सभी मंत्री बीजेपी से ही हैं. यह बात सर्वविदित है कि प्रधानमंत्री हमेशा से ही अपने मंत्रिमंडल में काम करने वाले लोगों को चाहते थे. इसीलिए वो बीच-बीच में अपने मंत्रियों का रिपोर्ट-कार्ड मांगते थे और उनके काम का गहन निरीक्षण भी किया करते थे. जाहिर है, उन सभी...