... पर कांग्रेस के लिए ऐसे दबंग और आपराधिक मुस्लिमों से खुलेआम हाथ मिलाना नामुमकिन की हद तक मुश्किल होगा, पर यह राजनीति है और राजनीति में कुछ भी 'नामुमकिन' नहीं होता है. प्रियंका गांधी के बारे में कहा जा रहा है कि वह प्रदेश भर में (UP Election 2017) प्रचार करेंगी और ऐसा होने पर उनकी जनसभाओं में भीड़ भी जुट सकती है, पर बात वही है कि क्या वह भीड़ कांग्रेस को 'वोट' देगी और क्यों देगी? उत्तरप्रदेश में लगभग अपना आधार खो चुकी कांग्रेस के लिए ये रणनीति कितनी कारगर होगी ये तो वक़्त ही बताएगा, लेकिन कांग्रेस के इस दाव से बीजेपी की मुश्किलें जरूर बढ़ गईं है और अब उनके ऊपर भी मुख़्यमंत्री के नाम की घोषणा का दबाव बढ़ गया है.
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हालाँकि, भाजपा अभी तक इस मुद्दे पर बचती नज़र आ रही है, पर वह भीतर ही भीतर तैयारी में जुटी हुई है. इसी क्रम में, पार्टी ने अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय-मंत्रिमंडल में स्थान देकर (UP Election 2017) जरूर चुनाव के माहौल को गर्माया है, क्योंकि अपना दल में अब दो फाड़ हो गया है जिसमें एक तरफ अनुप्रिया हैं तो दूसरी तरफ उनकी माँ कृष्णा पटेल हैं. हालाँकि, भाजपा यह मानकर चल रही है कि उसकी इस रणनीति से चुनाव में फायदा मिल सकता है. लगे हाथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात भी कर लेते हैं, किन्तु राष्ट्रीय नेता की छवि के लिए ज़ोर लगा रहे नीतीश, बिहार चुनाव में मिली सफलता को यहाँ शायद ही भुना पाएं. यहाँ ...
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